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हाटा: प्राइवेटाइजेशन सिर्फ नौकरी करने वालों की समस्या नही है एक बार विचार करें!

न्यूज अड्डा डेस्क

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Published on: Sep 12, 2020 | 7:08 AM
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हाटा: प्राइवेटाइजेशन सिर्फ नौकरी करने वालों की समस्या नही है एक बार विचार करें!
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वेद प्रकाश मिश्र/न्यूज अड्डा
हाटा कुशीनगर | स्थानीय विद्युत वितरण खण्ड के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी ने निजीकरण के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। इन लोगों ने कहा निजीकरण होने के बाद तमाम उपभोक्ता बर्बाद हो जाएंगे इन लोगों ने यह भी कहा कि 21 जिले को पूंजीपतियों के हाथों में बेचने का प्रावधान है।

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ओम प्रकाश पासवान (अध्यक्ष)

राज्य विद्युत जू0 ई0 परिषद ने कहा कि आम उपभोक्ता,किसानों को मिलने वाली बिजली महंगी हो जाएगी जिसका सीधा प्रभाव उनके व्यक्तिगत बजट पर पड़ेगा। इसके स्थान पर विद्युत व्यवस्था सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए।

ई0प्रदीप कुमार शर्मा (खण्डीय सचिव)

ने कहा उत्तर प्रदेश की सरकार ने कई अच्छे कार्य किए हैं जिससे अब आम जनमानस व किसानों को समय पर ट्रांसफार्मर उपलब्ध हो जाते हैं जो पहले नहीं होते थे लेकिन जब निजीकरण हो जाएगा तो स्थितियां बदल जाएंगी।
सरकारी अस्पतालों, सरकारी बसों और सरकारी IIT के पीछे क्यों भागते हैं। प्राइवेट स्कूलों को ऊंची फीस के लिये गाली क्यों देते हैं। शहर के सबसे बड़े प्राइवेट अस्पताल से जवाब मिलने के बाद सरकारी PGI या सरकारी AIIMS में क्यों भागते हैं।
अगर आपको लगता है कि सरकारी आदमी की समस्या से हमें क्या तो फिर पुनर्विचार करिये और सुनिए-
सरकारी नौकरी एक व्यवस्था है, इससे पूंजीपतियों की मनमानी पर रोक लगती है। समाज में बहुत अमीर और बहुत गरीब के बीच के एक वर्ग का निर्माण होता है। यह वर्ग अक्सर ऐसे उद्यम कराता है जिससे बड़े व्यापारियों पर अंकुश लगता है उदाहरण के लिए वाटर प्लांट और रिटेलिंग का व्यवसाय, घर के बेरोजगार सदस्य को कोई दुकान खुलवा देता है। ये वर्ग खत्म होगा तो बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में निरंकुश हो जाएंगी और आपको शादी ब्याह में दोना पत्तल, ग्लास, आइस क्रीम तक दोगुनी कीमत पर खरीदना होगा।

जिनको मेरी बात खयाली पुलाव लगती हो वो अपने नुक्कड़ की दुकान के सामानों के दामों की तुलना शहर के मॉल में बिकने वाले उसी सामान की कीमत की तुलना कर के देख लें।
एक और बात, नौकरियाँ ऐसा विकल्प हैं जिसमें हर तबके के लोगों द्वारा प्रवेश की गुंजाइश रहती है। शायद किसान का बेटा सीधे अधिकारी न बन सके पर मास्टर बन कर अपनी अगली पीढ़ी के लिए अधिकारी बनने का आधार बन सकता है। लेकिन प्राइवेटाइजेशन होने के बाद दो ही वर्ग बचेंगे, अत्यंत उच्च और अत्यंत निम्न। ये निम्न वर्ग इतना निम्न होगा कि कभी उच्च वर्ग बनने में सक्षम नहीं होगा।

निजीकरण के बाद आपके बच्चे इंजीनियरिंग करके 8000 रुपये पर पूंजीपतियों के यहां नौकर होंगे। जो 100-50 बड़े घराने हैं वही पूंजीपति बचेंगे। आपका बेटा कभी चाह कर भी बड़ा बिजनेसमैन नहीं बन सकेगा।

ई0गोविन्द प्रकाश रवि

ने कहा यदि घाटा के आधार पर किसी संस्था का निजीकरण हो रहा है तो सबसे पहले सरकार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि सरकार की जीडीपी में लगभग 33% की गिरावट आ गई है। श्री गोविन्द जी ने कहा की निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन जारी रहेगा।

ई0 अनिकेत पाल

ने कहा आप शायद सरकारी कर्मचारी की कामचोरी और प्राइवेट कम्पनियों की चुस्ती हवाला देंगे।
90% झूठ है ये। ज़रा सोचिए कि सरकारी आदमी काम नहीं करता तो काम हो कैसे रहा है। युवाओं, गरीबों एवं किसानों से अपील है कि वह सरकारी संस्थाओं के निजीकरण का विरोध करने में हमारा सहयोग करें, क्योंकि निजीकरण से सबसे ज्यादा समस्या युवाओं, गरीबों तथा किसानों को आने वाली हैं। बिजली महंगी होने के साथ-साथ रोजगार के अवसर खत्म होंगे। जिससे हम सभी का भविष्य प्रभावित होगा।
विरोध प्रदर्शन में जूनियर इंजीनियर संघ के जनपद अध्यक्ष
श्री ओम प्रकाश पासवान,खण्डीय सचिव श्री प्रदीप कुमार शर्मा, उपखण्ड अधिकारी श्री भोला नाथ जी, व् अन्य सभी पदाधिकारी गण
श्री गोविन्द प्रकाश रवि, श्री सत्येंद्र शहगल,श्री राजाराम जी, श्री अरविन्द त्रिगुणायत, श्री संदीप मिश्रा, श्री अनिकेत पाल, श्री रामानन्द, इत्यादि लोग उपस्थित थे।

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