Reported By: Sanjay Pandey
Published on: Nov 9, 2021 | 6:42 AM
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खड्डा/कुशीनगर । साहब! बडे़ लाड़ प्यार से बिटिया की परवरिश की है। एक पिता के अरमानों को रौंदकर बिना मर्जी मेरी बेटी शादी कर रही है। यदि ऐसा हुआ तो समाज में मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगा… यह कहना था उस बेटी के पिता का जो सोमवार को एक युवक के साथ आकर अधिवक्ता के माध्यम से एसडीएम के समक्ष कोर्ट मैरिज की अर्जी दी थी। एसडीएम श्रीमती उपमा पाण्डेय ने शादी के लिए प्रस्तुत दस्तावेजों व रिश्ते के हर पहुलओं की बारिकी से परीक्षण उपरांत एक महिने का समय देकर दोनों को समझ बुझ कर ही शादी करने का फैसला लेने का निर्देश दिया।
हुआ यूं कि खड्डा थाना क्षेत्र की एक गांव की युवती महराजगंज जनपद के एक युवक संग खड्डा तहसील पहुंचकर सोमवार को कोर्टमैरिज के लिए अधिवक्ता के माध्यम से शादी करने की अर्जी तैयार करा ली। इस बात का शपथ भी दिया कि हम दोनों बालिग है। जब वे दोनों पेशकार राहुल चतुर्वेदी के पास पहुंचे तो उन्होनें एसडीएम श्रीमती उपमा पाण्डेय के समक्ष युवक व युवती को पेश किया। एसडीएम ने दोनों की कागजी उम्र व वर्तमान में दिख रहे बचपना को देख पढाई लिखाई, माता पिता के मर्जी या बिना मर्जी सहित सभी तथ्यों पर बारी- बारी से जानकारी लेनी शुरू कीं तो कुछ और ही तथ्य प्रकाश में आए। युवती के पिता से बातकर जानकारी ली तो लड़की के पिता ने बगैर सहमति व जानकारी के विवाह करने की बात कहते हुए फफक पड़ा और इस सामाजिक कलंक से बचाने की फरियाद की। *एसडीएम श्रीमती पाण्डेय ने कोर्ट मैरिज की अर्जी रोकते हुए उन्हें दोनों को एक महिना का वक्त देकर भविष्य को लेकर बिचार करने व माता- पिता के सहमति होने पर कोर्ट मैरेज करने की सलाह देते हुए उन्हें परिजनों को सूचना देकर अपने- अपने घर भेज दिया।
Topics: खड्डा