Reported By: Farendra Pandey
Published on: Jul 13, 2021 | 3:00 PM
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कप्तानगंज/कुशीनगर। किसान शब्द एक ऐसा सम्मानजनक शब्द है जो पूरे देश का पालनहार होता है मगर इस किसान का पुछनहार इस देश के किसी भी पार्टी के सफेदपोश (नेता) नहीं करता है। जिन किसानों के मेहनत के ऊपर देश का हर एक नागरिक जीवित है वही किसान और उनके परिवार के ऊपर हो रहे अत्याचार को देश का कोई भी सफेदपोश देखने या सुनने को तैयार नही है। जब चुनाव आता है तो प्रत्येक पार्टी का नेता किसानों को तरह तरह का प्रलोभन देकर उनके ऊपर राजनीति करके अपना उल्लू सीधा करता है और जैसे ही उनका मतलब हाशिल हो जाता है फिर वह सफेदपोश (नेता) पीछे मुडकर नही देखता है जिसका जीता जागता उदाहरण है सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। मुख्यमंत्री ने एक आदेश दिया था की सूबे में किसानों के गन्ने का भुगतान 14 दिन में उनके खाते में चला जायेगा मगर उनका यह आदेश चीनी मिल मालिकों के कान के ऊपर जू रेगने का भी काम नही कर रहा है लगता है सूबे की सरकार इन पूजीपतियों के आगे नतमस्तक हो चुकी है। जनपद कुशीनगर की कप्तानगंज चीनी मिल के ऊपर किसानों के गन्ने का भुगतान 5614.34 लाख बकाया है साथ ही साथ रामकोला (पी) पर 684.19 लाख, सेवरही पर 2343.02 लाख और खड्डा पर 243.74 लाख जिसको कराने के लिये लगातार माँग किया जा रहा है मगर सूबे की योगी सरकार अपने कान में तेल डाल चुकी है और किसानों का आवाज उनके कान से सुनाई नही दे रहा है। लगता है सूबे की सरकार को किसानों से मोहभंग हो चुका है यदि ऐसा नही होता तो सरकार पूजीपतियों का साथ नही देती। उक्त बातें वेटरनस एशोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष किसान मोर्चा व भाकियू (अ) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अवगत कराया है। आगे श्री सिंह ने बताया है कि सूबे की योगी सरकार जनपद कुशीनगर की कप्तानगंज चीनी मिल के साथ साथ अन्य चीनी मिलों द्वारा किसानों के गन्ने का भुगतान अबिलम्ब कराने में अपना प्रमुख योगदान करे अन्यथा बहुँत ही जल्द गन्ना भुगतान को लेकर पूरे जनपद का किसान धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
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