Reported By: Omprakash Dwivedi
Published on: Sep 1, 2020 | 3:26 PM
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●टोसिलिजुमैब नामक इंजेक्शन पर जिला प्रशासन ने लगाई रोक.।
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पालघर। कोरोना के खतरे से परेशान संक्रमितों के ईलाज के लिए चिकित्सकों की ओर से उपयोग में लाया जा रहा विदेशी दवा टोसिलिजुमैब नामक इंजेक्शन की खपत जिले में ऐसी बढ़ी है कि बाजार के दवाखानों से गायब ही हो गया है। फिलहाल दलालों के जरिए जरूरत के मुताबिक कालाबाजारी के जरिए 40000/-का इंजेक्शन कोरोना संक्रमितों को देने के लिए परेशान परिजनों को 70000/-में मिल रहा है।
जानकारी के लिए बताँ दूँ कि पालघर जिलाधिकारी व जिला शल्य चिकित्सक को इस गोरखधंधे की जानकारी संज्ञान में आते ही इंजेक्शन के इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगाते हुए दलालों को चिंहित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
●क्या है टोसिलिजुमैब इंजेक्शन??●
जानकार बताते है कि अर्थराइटिस के ईलाज में काम आने वाली यह इंजेक्शन एक मात्र विदेश की स्विट्जरलैंड की राँश स्थित एक दवा कंपनी पेटेंट के रुप में तैयार करती है। भारत में इसकी मारकेंट़िग दवा की नामचीन कंपनी सिपला के पास है। इसकी बजारु कीमत मात्र 41000/-रुपये के आसपास है।
●कोविड-19 रोगियों के लिए क्या है उपयोग?●
ज्ञात हुआ है कि कोरोना संक्रमितों जिन्हें निमोनिया के कारण फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत के बाद वैटिंलेटर पर रखा गया है उन्हे कोरोना के ईलाज कर रहे चिकित्सक टोसिलिजुमैब इंजेक्शन लगाने की सलाह दे रहे है। लेकिन बाजार से गायब इंजेक्शन को दलालों के जरिए दुगुने दामों पर भी सिफारश पर दिये जाने के समाचार मिल रहे है।
●प्रशासन की इस बावत कारवाई●
बताया जा रहा है कि औद्योगिक शहर बोईसर स्थित कोविड सेंटर टीमा अस्पताल के एक निजी चिकित्सक के उपर शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन की ओर से कारवाई करते हुए सेवा मुक्त कर दिया गया है।
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