Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Apr 4, 2021 | 5:52 PM
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रामकोला/कुशीनगर | किसानों के खेतों के लिए सबसे किफायती व सर्वोत्तम सिंचाई का साधन नहरों की हालत वर्तमान समय में बदहाली की हालत में हैं। क्षेत्र की अमडरिया माइनर झाड़ झंकार से पटा हुआ है। नहरों में पानी नहीं आने से गन्ने की फसल की सिंचाई को लेकर किसान चिन्तित व परेशान है।
रामकोला क्षेत्र के माइनरो में सिल्ट सफाई का कार्य भी अभी नहीं हुआ है। नहरों की सफाई न होने की दशा में टेल तक पानी नहीं पहुंच पाता है । रामकोला क्षेत्र में अमडरिया नहर की हालत काफी खराब है।यह नहर झाड़ झंकार के हवाले है।नहरों में पानी न आने के कारण किसानों के हजारों एकड़ गन्ने की फसल की सिंचाई प्रभावित हो रही है । विभागीय उदासीनता के चलते रामकोला क्षेत्र में नहरो पर अवैध कब्जा हो रहा है।बरठा माइनर तो लोगों के अतिक्रमण की शिकार हो गयी है।इस नहर के हद में पक्का निर्माण तक करा लिया गया हैं।लेकिन विभाग मूक दर्शक की भूमिका में है।इससे यह भी साबित होता है कि विभागीय अमला अपने दायित्व के प्रति कितना निष्क्रिय है। अमडरिया माइनर से क्षेत्र के अमडरिया, कुसम्ही , पकड़ी बंतीर उर्फ सौनहा, पपउर ,बिहुली निस्फी, हनुमान गंज, बंधवा, बभनौली सहित दर्जनों गांवों की सैकड़ों हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती रही है । किसानों का कहना है कि पंपसेट से सिंचाई करना काफी महंगा पड़ रहा है। किसान महेन्द्र राव, चंद्रिका प्रसाद ,विजय कुमार, साहब अली , बलराम प्रताप सिंह ,रवि सिंह, रवि यादव,गणेश यादव, राजन कुँवर सिंह,अरविंद पांडेय,उमेश तिवारी आदि का कहना है कि अमडरिया माइनर की समय से सफाई होगी तभी पानी टेल तक पहुंचेगी।उन लोगों का यह भी कहना है कि नहर में समय से पानी न आने के कारण गन्ने की फसल काफी प्रभावित हो सकती हैं । गत सीजन में गन्ना की फसल सूखने की वजह से किसान काफी बर्बाद हुआ है अगर आगे भी गन्ने की फसल प्रभावित हुआ है तो कर्ज से दबे किसान भरपाई के लिए निश्चित ही कोई अनहोनी कदम उठाने के लिए मजबूर हो जायेगा।
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