Reported By: Chandra Prakash Tripathi
Published on: Nov 6, 2021 | 4:10 PM
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सुकरौली। क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर धूमधाम से शनिवार को विधि विधान पूर्वक भगवान चित्र गुप्त का पूजन किया गया।इस दौरान प्रसाद वितरण कर भाईचारे का संदेश दिया गया।
सुकरौली ब्लाक के कोहरोली में आयोजित चित्रगुप्त पूजा समारोह में बड़ी संख्या में श्रीवास्तव परिवार के लोग शामिल हुवे। अवधेश श्रीवास्तव व पत्नी श्रीमती रेखा श्रीवास्तव द्वारा भगवान चित्र गुप्त का विधिविधान व मंत्रोचार के साथ कलम दवात की पूजन अर्चन किया गया। इस मौके अवधेश श्रीवास्तव ने कहा कि चित्रगुप्त एक प्रमुख हिन्दू देवता हैं। वेदों और पुराणों के अनुसार धर्मराज श्री चित्रगुप्त जी अपने दरबार में मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा करके न्याय करने वाले बताए गये हैं। आधुनिक विज्ञान ने यह सिद्ध किया है कि हमारे मन में जो भी विचार आते हैं वे सभी चित्रों के रुप में होते हैं। भगवान चित्रगुप्त इन सभी विचारों के चित्रों को गुप्त रूप से संचित करके रखते हैं अंत समय में ये सभी चित्र दृष्टिपटल पर रखे जाते हैं एवं इन्हीं के आधार पर जीवों के पारलोक व पुनर्जन्म का निर्णय सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश भगवान चित्रगुप्त करते हैं। विज्ञान ने यह भी सिद्ध किया है कि मृत्यु के पश्चात जीव का मस्तिष्क कुछ समय कार्य करता है और इस दौरान जीवन में घटित प्रत्येक घटना के चित्र मस्तिष्क में चलते रहते हैं । इसे ही हजारों बर्षों पूर्व हमारे वेदों में लिखा गया हैंं। जिस प्रकार शनि देव सृष्टि के प्रथम दण्डाधिकारी हैं भगवान चित्रगुप्त सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश हैं उन्हें न्याय का देवता माना जाता है। भगवान चित्रगुप्त जी भारत के कायस्थ कुल चित्रवंश के जनक देवता हैं। पूजन समापन होने के बाद लोगों को प्रसाद वितरण किया गया।
इस मौके पर चित्रगुप्त का आरती करते हुए का श्रीवास्तव परिवार के अवधेश श्रीवास्तव , मिथिलेश श्रीवास्तव, रितेश श्रीवास्तव, मनीष श्रीवास्तव, जानवी, कशिश ,रेखा, रूबी, बबली, रिकी, सेजल, कलावती आदि मौजूद रहें।
Topics: सुकरौली