Reported By: Ved Prakash Mishra
Published on: Feb 28, 2021 | 9:21 PM
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हाटा/कुशीनगर | नगर के महाराणाप्रताप वार्ड के रधिया में श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ रविवार को विधिवत पुजन अर्चन के साथ हुआ। कथा वाचक पं. रामशंकर शास्त्री के संगीतमयी कथा को सुन श्रद्धालु झूम उठे। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण द्वारा 16 हजार कन्याओ से विवाह करने का कारण भक्तों को बताया। कहा कि नरकासुर का बध कर श्रीकृष्ण ने कन्याओ को बंधन से मुक्त कराया तो कन्याओ ने कहा कि समाज उन्हें स्वीकार नहीं करेगा। समाज में इन कन्याओ को सम्मान दिलाने के लिए सत्यभामा के सहयोग से सभी कन्याओ से विवाह कर लिया। भगवान ने किसी कामना बश विवाह नहीं किया था। भगवान कहते हैं कि जिसको कोई नहीं अपनाता है। उसे शरण में आने पर ईश्वर अपना लेते हैं। कहा कि कथा तीन तरह से सुनी जाती है। पहला सुनना यानी कथा को ध्यान से सुनें। हृदय में रखें और फिर उस पर चिंतन करें। कथा की बातों को जीवन में उतारें। दूसरी विधि है, ध्यान से सुनें, हृदय में रखें और समय आने पर जीवन में उसका पालन करें। तीसरा तरीका है एक कान से सुनना और दूसरे कान से निकाल देना। भगवान की कथा सुनकर ही रूक्मिणी ने उनसे प्रेम किया। प्रेम दो तरह से ही होता है या तो दर्शन से या फिर श्रवण से। कथा को सुनें और जीवन में उतारें। कहा कि आजकल के श्रोता कथा सुनते तो हैं पर उसे अपने जीवन में धारण नही करते हैं। भागवत सुनने का फल तो मिलना ही है लेकिन भागवत से भौतिक वस्तुएं न मांग कर स्वयं भगवान को मांग लिया जाए तो आपका जीवन सफल हो जाएगा। भागवत कथा मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
इस दौरान सुधीर पांडेय, राजकिशोर, सोनू बाबा,लव बाबा, दुर्गेश पांडेय,राधेश्याम पांडेय सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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