Reported By: Ved Prakash Mishra
Published on: Feb 28, 2021 | 9:14 PM
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हाटा/कुशीनगर | भगवान राम हमारे जीवन के प्रत्येक रंग में समाए हुए हैं। हमने पाश्चात्य सभ्यता को काफी हद तक अपनाया लेकिन राम नाम कहना नही छोड़ा। हम प्रति दिन अच्छे बुरे अवसरों पर राम का नाम लेते हैं। उक्त बातें एक महायज्ञ में भाग लेने जा रहे अयोध्या स्थित दशरथ महल के महंथ बिंदुगाधाचार्य देवेंद्र प्रसाद महाराज जी ने सोमवार की दोपहर हाटा नगर में स्थित भारत गैस एजेंसी के पास पत्रकारों से वार्ता के दौरान कही। कहा कि आज हम राम राम या जय राम जी कहकर अभिवादन करते है। जीवन के अंतिम छड़ में बिछुड़ने पर राम राम का ही स्मरण होता है। समस्या के आने पर या विपत्तियों से घिरने पर हे राम अथवा अरे राम सहसा ही हमारे मुख से निकल पड़ता है। जीवन मे प्रशन्नचित होने पर ही राम जी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं। राम की बड़ी अद्भुत महिमा है। बस जरूरत है, श्रद्धा, विश्वास और भक्ति की। राम नाम स्वयं ज्योति है, स्वयं मणि है। राम नाम के महा मंत्र के जपने से किसी विधान या समय का बंधन नही है। भगवान राम की चारित्रिक विशेषताएं, उनका जीवन व शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि राम की महिमा अपरंपार है। राम के नाम को स्मरण करने से हम जीवन के कष्टों का निवारण कर सकते हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में शक्ति व भक्ति के अनुसार हर संभव आर्थिक मदद की अपील की। उनके साथ अयोध्या से आये वरुण दास, रामशरण दास, सुदामा, अवधकिशोर, दिनेश पांडेय, यशोदा पांडेय, रामशंकर शास्त्री व आचार्य बुलबुल मणि,डॉ मयंक मणि सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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