Reported By: सुनील नीलम
Published on: Sep 20, 2025 | 5:37 PM
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तुर्कपट्टी/कुशीनगर । इस वर्ष शारदीय नवरात्र पूरे नव दिन रहेंगे। 22 सितंबर को सूर्योदय से कलश स्थापना निर्विवाद रूप से होगी। नवदुर्गा के नौ रूप—शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यानी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिधात्री—की भक्ति से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।
यह बातें बरवा राजापाकड़ के ज्योतिषाचार्य पं. विनय राघव जी महराज ने कही। उन्होने भक्तों को सलाह दी गई है कि पूजा में लाल वस्त्र बिछाकर माँ दुर्गा का शांत स्वरूप स्थापित करें। सामने मिट्टी के कलश में जल भरें, पंचपल्लव या आम्रपल्लव डालें और नारियल रखें। गणेश सहित अन्य देवताओं की पंचोपचार या षोडशोपचार पूजा, भोग, आरती और अखंड दीप जलाना अनिवार्य है। समयाभाव में केवल सिद्धकुंजिका स्तोत्र करने से भी पूरा पाठ करने के समान फल मिलता है। महानिशा पूजा 29 सितंबर को रात में, महाष्टमी और महानवमी व्रत 30 सितंबर को रहेंगे। नवदिन व्रत रहने वाले भक्तगण 1 अक्टूबर को हवन के बाद अपराह्न 2:37 बजे पारण करेंगे।
विजया दशमी 2 अक्टूबर को नीलकंठ दर्शन करना विशेष शुभ माना गया है। इसी दिन शमी और अपराजिता पूजन करने से विशेष लाभ होता है। पं. गोविंद दुबे ने बताया कि 3 अक्टूबर को पापाकुंशा एकादशी व्रत भी संपन्न होगा।
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