कुशीनगर | कुशीनगर जिले में एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म ‘दृश्यम’ की तरह रची गई दोहरे हत्याकांड की साजिश को कुशीनगर पुलिस ने बेनकाब कर दिया है। थाना तमकुहीराज क्षेत्र के ग्राम परसौन में 02 जुलाई की सुबह एक 15 वर्षीय युवती और 19 वर्षीय युवक का शव बाग में पेड़ से लटका मिला था, जिसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई थी।
लेकिन पुलिस की चौकस निगाहों और साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन ने इस हाई प्रोफाइल केस की गुत्थी सिर्फ सात दिन में सुलझा दी। घटना के पीछे निकला घिनौना सच – समाज की तथाकथित “इज्जत” के नाम पर इश्क की बेरहमी से हत्या।
पुलिस की तफ्तीश ने उधेड़ा हत्या की साजिश का जाल
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा के निर्देशन में, अपर पुलिस अधीक्षक निवेश कटियार की निगरानी और क्षेत्राधिकारी तमकुहीराज के नेतृत्व में तमकुहीराज थाना, स्वाट, साइबर सेल और सर्विलांस सेल की संयुक्त टीम गठित की गई थी।
इस टीम ने आज यानी 09 जुलाई को 03 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि 02 बाल अपचारियों को अभिरक्षा में लिया गया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हथियार, मोबाइल, नकद रुपये और स्कूटी भी बरामद की है।
इश्क की सजा: समाज की इज्जत के नाम पर दो मौतें
पूछताछ में सामने आया कि मृतक राहुल निषाद और आशू कुशवाहा के बीच लंबे समय से प्रेम संबंध था। लड़की के परिजनों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था और पहले भी दोनों को साथ पकड़ने पर पंचायत हुई थी। 30 जून की रात, गांव के एक वैवाहिक समारोह में दोनों को फिर एक साथ देखा गया, जिससे परिजन और नाराज़ हो गए।
अगली सुबह, लड़की को डांट-फटकार कर समझाया गया, लेकिन जब वह नहीं मानी तो आक्रोश में परिजनों ने पहले आशू की हत्या की। उसी दिन शाम को, उन्होंने योजना बनाकर राहुल को भी बुलाया और उसकी हत्या कर दी। रात के अंधेरे और सुनसान माहौल का फायदा उठाकर, दोनों के शवों को रस्सी से पेड़ पर लटका दिया गया ताकि मामला आत्महत्या जैसा लगे।
गिरफ्तार अभियुक्त एवं बरामदगी (पराग्राफ रूप में)
इस दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन नामजद अभियुक्त — सिकंदर कुशवाहा (लड़की का चचेरा भाई), रामदेव कुशवाहा (पिता), और रामदुलारी देवी (भाभी) — तथा दो बाल अपचारी शामिल हैं। पूछताछ के बाद अभियुक्तों ने अपना जुर्म स्वीकार किया और उनके पास से अपराध में प्रयुक्त एक लोहे की रॉड (जिस पर खून के निशान हैं), एक नुकीला पंच (खून से सना), मृतक की चप्पल, मृतक का एंड्रॉयड मोबाइल, घटना में प्रयुक्त नीले रंग की स्कूटी (UP57BL 3205), दो अन्य एंड्रॉयड मोबाइल फोन और ₹2100 नकद बरामद किए गए। इन सब प्रमाणों के आधार पर पुलिस ने विधिक कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।
जिन्होंने निभाई असली ‘सिंघम’ की भूमिका
इस दोहरे हत्याकांड का खुलासा करने में कुशीनगर पुलिस की टीम ने फिल्मी स्टाइल में काम किया, लेकिन पूरी प्रोफेशनल और संवेदनशीलता के साथ। विशेष रूप से प्रभारी निरीक्षक सुशील कुमार शुक्ला (थाना तमकुहीराज) ने इस केस में निर्णायक भूमिका निभाई। उनकी नेतृत्व क्षमता और त्वरित निर्णयों की वजह से इस हाई प्रोफाइल केस को कुछ ही दिनों में सुलझाया जा सका। उनके साथ-साथ स्वाट प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह, साइबर सेल प्रभारी मनोज पंत, चौकी प्रभारी अवनीश कुमार सिंह, उपनिरीक्षक अवधेश कुमार, अरविंद सिंह, महिला उपनिरीक्षक अंजली सिंह, कंप्यूटर ऑपरेटर शम्मी कुमार (सर्विलांस), हेड कांस्टेबल मुकेश सिंह और महिला कांस्टेबल कंचनलता की टीम वर्क ने इस केस को अंजाम तक पहुँचाया। पूरी टीम ने यह साबित कर दिया कि जब पुलिस ठान ले, तो कोई भी साजिश छुप नहीं सकती।
न्याय की उम्मीद और समाज के लिए सबक
इस हत्याकांड ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है — क्या प्रेम करना गुनाह है? क्या समाज और तथाकथित इज्जत की कीमत पर ज़िंदगियाँ ली जा सकती हैं?
कुशीनगर पुलिस ने जिस तत्परता और कड़ी मेहनत से इस केस का खुलासा किया, वह उत्तर प्रदेश पुलिस की पेशेवर कार्यशैली और संवेदनशीलता का प्रमाण है।