Reported By: Surendra nath Dwivedi
Published on: Sep 27, 2025 | 3:22 PM
1193
लोगों ने इस खबर को पढ़ा.
कुशीनगर/गोरखपुर ।
पशु तस्करी का किंगपिन और छात्र दीपक गुप्ता की हत्या का मुख्य आरोपी जुबैर अहमद शुक्रवार रात पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया। उसके खात्मे के साथ ही उस काले साम्राज्य का भी पर्दाफाश हो गया, जिसकी जड़ें यूपी से लेकर बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैली थीं। जुबैर पर एक लाख का इनाम घोषित था और वह फरार चल रहा था।
सूत्रों की बातों पर अगर अमल करे तो बिहार प्रदेश सिवान का “बड़ा बाड़ा” जहां करोड़ों का खेल चलता है।बिहार के सिवान जिले के तेतहली गांव में जुबैर ने एक विशाल बाड़ा बना रखा था। गोरखपुर, बस्ती और गोंडा से उठाए गए पशुओं की खेप वहां पहुँचती और फिर बंगाल तक सप्लाई होती। हर खेप से लाखों रुपये की कमाई होती। चौंकाने वाली बात यह कि बॉर्डर पार कराने में उसे कुछ यूपी पुलिसकर्मियों की मदद मिलती थी। यही पुलिसकर्मी उसके लिए पूरे नेटवर्क में “सेटिंग” का काम करते थे।10 दिन का “ऑपरेशन हंट” ऐसा रहा कि 15 सितंबर की रात, जब महुआ चाफी टोले (जंगल छत्रधारी) के 20 वर्षीय दीपक गुप्ता की बेरहमी से हत्या कर दी गई, तो पूरे इलाके में बवाल मच गया। मुख्यमंत्री ने सख्त आदेश दिए – “कातिलों को किसी भी कीमत पर छोड़ा न जाए।”इसके बाद पुलिस ने दिन-रात दबिशें दीं। 150 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी करते हुए 100 से अधिक लोगों से पूछताछ भी हुआ।
लगातार निगरानी के बाद आखिरकार शुक्रवार रात पुलिस ने जुबैर को घेर लिया। मुठभेड़ में गोलियां चलीं सीओ सिटी की बुलेटप्रूफ जैकेट पर एक गोली लगी और वे बाल-बाल बचे। एक दरोगा और दो सिपाही घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में जुबैर मौके पर ही ढेर हो गया।
यहां बताना लाजमी होगा कि जुबैर के मारे जाने की खबर जैसे ही महुआ चाफी पहुंची, पूरे गांव में जश्न का माहौल बन गया। दीपक की मां ने कहा—
“बेटे की जान लेने वालों का यही हश्र होना चाहिए, अब जाकर कलेजा ठंडा हुआ है।”
चाचा सुरेंद्र बोले—
“तेरहवीं से पहले ही न्याय मिला, अब आत्मा को शांति मिलेगी।”
टोले-मोहल्ले में लोग रातभर जागते रहे और एक-दूसरे को यह खबर सुनाते रहे।
🔴 पुलिस पर भी कड़ी कार्रवाई
दीपक हत्याकांड के बाद सीएम ने लापरवाह पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिराई। जिसमें गोरखपुर में संबंधित थानेदार और चौकी इंचार्ज निलंबित हुए। जंगल धूषण चौकी भंग कर दी गई। चौकी प्रभारी, दो सिपाही और थाने का चालक को लाइन हाजिर होना पड़ा।
कुशीनगर में 33 पुलिसकर्मियों का गैर-जोन तबादला :
कुल मिलाकर गोरखपुर और कुशीनगर में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी कार्रवाई की जद में आए। इस कार्यवाही के जद कुछ ऐसे पुलिसकर्मी भी आ गए,जो हमेशा पशु तस्करों से दो दो हाथ करते हुए मुठभेड़ कर के हजारों की संख्या में बे जुबान प्रतिबंधित पशुओं को तस्करों के हाथ से मुक्त कराने में सफल हुए हैं। वह भी कार्यवाही की आगोश में आए हैं। जो भी हो वरीय अधिकारियों की जांच में जो दोषी पाए गए वह सभी हटाए गए। अगर जानकार लोगों की बातों पर थोड़ा भी विश्वास करे तो अभी भी कुछ दागदार छबि वालो की कुंडली अधिकारियों द्वारा खंगाली जा रही है,जो इस कारोबार में कही से कनेक्ट है।
📌 फैक्ट फाइल : जुबैर का अपराधी साम्राज्य
नाम : जुबैर अहमद
इनाम : ₹1 लाख
नेटवर्क : यूपी-बिहार-प. बंगाल तक
धंधा : पशु तस्करी – करोड़ों का कारोबार
अंजाम : शुक्रवार रात पुलिस मुठभेड़ में ढेर
बहरहाल दीपक हत्याकांड से गुस्से में उबाल मार रही जनता को आखिरकार इंसाफ मिला। जुबैर के खात्मे ने यह संदेश दे दिया है कि कानून से बड़ा कोई नहीं।