Reported By: न्यूज अड्डा कसया and न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Nov 3, 2021 | 10:54 AM
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कुशीनगर (न्यूज अड्डा)। रोशनी के पर्व दीपावली पर आतिशबाजी करने के दौरान छोटी-छोटी सावधानी बरत कर खुद को हादसों से बचाया जा सकता है।
इसी के साथ जलने या पटाखा हाथ में फटने की स्थिति में जल्द प्राथमिक चिकित्सा का उपाय कर खुद को सुरक्षित कर सकते है। दीपावली पर पहले से अलर्ट होकर तैयारी करने से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। दीपावली का पावन त्यौहार ढेरो खुशियां लेकर आया है। इस त्योहार के दिनों में हर कोई पटाखे, आतिशबाजी, नए कपडे और मनपसंद व्यंजन के साथ छुट्टियो का पूरा लुफ्त उठाना चाहेंगे। दीपावली के आनंद के जोश के साथ साथ हमें कुछ ़खास एहतियात भी बरतनी चाहिए, जिससे कि अक्सर हर साल होनेवाली कुछ दुर्घटना से बचा जा सके। दीपावली के समय ज्यादातर दुर्घटना लापरवाही और अज्ञान कि वजह से होते है। अगर हम ठीक से ध्यान दे और थोड़ी सावधानी ले तो कई दुर्घटनाओ को टाला जा सकता है। दिपावली में अक्सर होने वाली इन दुर्घटनाओ से बचने के लिए एहतियात बरतने की जरुरत है।
पटाखे जलाते समय बरतें यह सावधानी,रहे सुरक्षित
– पटाखे खुले मैदान में ही जलाएं।
– रॉकेट हमेशा उपर की ओर ही छोड़े।
– पटाखे जलाते समय सूती कपड़े ही पहनने चाहिए।
– पटाखे जलाने के दौरान पानी के साथ ही बालू-मिट्टी का इंतजाम करें।
– पटाखों में आग दूर से ही लगाएं।
– चिगारियां छोड़ने वाले पटाखों के पास नहीं जाएं।
– पटाखें जलाते समय जूते पहने।
– जो पटाखा न फूटे उसपर पानी या मिट्टी डाल दें।
– छोटे बच्चों व बुजुर्गो का भी ख्याल रखें।
– पटाखे जलाते समय बच्चो पर नजर रखे।
– पटाखे रखने के लिए अच्छी और सुरक्षित जगह को चुने। गर्दी वाले जगह पर पटाखे न जलाए।
– पटाखे छोटे बच्चो कि पहुच से दूर रखे।
– बच्चे पटाखे हाथ में रखकर न फोड़े और न ही पटाखे जलाकर किसी के ऊपर फेंक दे।
डाक्टरी सलाह,न्यूज़ अड्डा के साथ खास बातचीत डॉक्टरों के साथ
(१) डा. अभय पाठक ने बताया कि पटाखों से जलने के बाद शरीर पर स्याही या कॉलगेट का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जलने के स्थान पर नल का पानी डालना चाहिए, जब तक जलन कम न हो जाए।जलने पर चूड़ियां व अंगूठियां जल्दी से उतार देना चाहिए, क्योंकि सूजन आने के बाद ये चीजें नहीं उतरती हैं। डा. पाठक ने यह भी बताया कि आंख में पटाखा या धुआं चले जाने पर रगड़ना नहीं चाहिए, आंख को कुछ मिनट तक पानी से धोना चाहिए। उन्होंने बताया कि पटाखों से निकलने वाला धुआं काफी हानिकारक होता है, इससे आंखों की रोशनी के लिए नुकसान दायक है। हृदय रोगियों को ज्यादा आवाज वाले पटाखों से दूर रहना चाहिए, वहीं सांस की बीमारी वाले मरीजों को धुंए से परहेज करना चाहिए।
(२) डॉ. संजय कुमार सिंह ने बताया कि पटाखों को हाथ में लेकर न जलाएं। इसकी चपेट में आने से जले हुए स्थान पर जलने के स्पाट और सफेद दाग हो जाते हैं। बताया कि जलने के समय अमूमन लोग शरीर पर मोटा चद्दर या कंबल डाल देते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। जले स्थान को खुला रखे और साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें,ज्यादा आवाज़ वाली पटाखे ना फोड़े।
ध्यान दे
– किसी भी ज्वलनशील पदार्थ से पटाखे दूर रखे जैसे दिया, मोमबत्ती या रसोईघर के पास।
– पटाखे जलाते समय हमेशा जूते या चप्पल पहनकर जलाए।
– एक समय पर एक ही व्यक्ति पटाखा जलाए।
– पटाखे जेब में रख कर न घूमे।
– पटाखे जलाते समय या आतिशबाजी करते वक़्त हमेशा पास मे पानी कि व्यवस्था रखे।
– हमेशा पटाखे खुली जगह पर और किसी को बाधा न पहुचे ऐसे स्थान पर जलाए।
– हमेशा अच्छी कंपनी के पटाखे ़खरीदे और उन्हें इस्तेमाल करने का तरीका सिख ले।
– पटाखे जलाते समय पटाखे से दुरी बनाए रखे। पटाखे के ऊपर झुक कर पटाखा न जलाए।
– पटाखे जलाने के लिए लंबी अगरबत्ती या फुलझड़ी का इस्तेमाल करे।
– अगर पटाखा नहीं फूटता है तो तुरंत पटाखे के पास न जाए।