कुशीनगर। जनपद कुशीनगर की पुलिस व्यवस्था इन दिनों एक नए तेवर और नई कार्यसंस्कृति की गवाह बन रही है। लगभग ढाई माह पूर्व जनपद की कमान संभालने वाले पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने आते ही साफ, जवाबदेह और भ्रष्टाचार-विहीन पुलिसिंग का जो संदेश दिया, वह अब ज़मीनी हकीकत में बदलता नज़र आ रहा है। उनकी कार्यशैली ने जहाँ आमजन में सुरक्षा का भरोसा जगाया है, वहीं पुलिस महकमे में लापरवाह और भ्रष्ट तत्वों में खलबली मचा दी है।
जानकारी रहे कि एसपी केशव कुमार के कार्यकाल में अब तक लगभग दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी, जिनमें सिपाही, हेड कांस्टेबल, उप निरीक्षक और निरीक्षक तक शामिल हैं, विभागीय कार्रवाई की जद में आ चुके हैं। भ्रष्टाचार, लापरवाही, अनुशासनहीनता और जनशिकायतों में दोषी पाए गए कर्मियों के विरुद्ध निलंबन, विभागीय जांच और अन्य दंडात्मक कार्रवाई कर यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि अब “वर्दी में कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने दूसरे चरण में गैंगस्टरों पर कड़ा शिकंजा, अंतरजनपदीय अपराधियों की धरपकड़ में तेजी ला दिया है। संगठित अपराध और गैंगस्टरों के विरुद्ध आक्रामक रणनीति अपनाई। अन्य प्रांतों व विभिन्न जनपदों में सक्रिय गैंगस्टरों की गिरफ्तारी के लिए मातहतों को सख्त निर्देश देते हुए विशेष टीमें गठित की गईं। परिणामस्वरूप कई फरार और वांछित अपराधी सलाखों के पीछे पहुंचे, जिससे आपराधिक नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
यहां बताना चाहूंगा कि पशु तस्करी को जड़ से खत्म करने के लिए एसपी के निर्देश पर जनपद के संभावित तस्करी मार्गों पर अस्थाई चेकपोस्ट और बैरियर स्थापित किए गए हैं। 24 घंटे सघन जांच, वाहनों की बारीकी से तलाशी और संदिग्धों से पूछताछ के दम पर तस्करों की कमर तोड़ी जा रही है। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में अपराधियों की गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगा है। इतना ही नहीं मादक पदार्थों और अवैध शराब तस्करी के खिलाफ एसपी ने विशेष अभियान छेड़ा है। इस अभियान के तहत कई तस्कर गिरफ्तार हुए, भारी मात्रा में शराब व नशीले पदार्थ बरामद किए गए और तस्करी में प्रयुक्त वाहन भी सीज किए गए। नशे के कारोबार से जुड़े असामाजिक तत्वों में पुलिस का खौफ साफ दिखाई देने लगा है। जनपद में रात्रि कालीन ड्यूटी को प्रभावी बनाने के लिए एसपी ने क्षेत्राधिकारी और जोनल अधिकारियों की एक साथ चेकिंग व्यवस्था लागू की। एक ही समय पर कई थाना क्षेत्रों में अचानक चेकिंग कर ड्यूटी की हकीकत परखी जा रही है। इससे न केवल पुलिस की जवाबदेही बढ़ी है, बल्कि रात्रि अपराधों में भी उल्लेखनीय कमी देखी जा रही है।
संडे स्पेशल एसपी केशव कुमार की सबसे बड़ी पहचान उनकी फील्ड में सक्रिय मौजूदगी है। वे अक्सर देर रात स्वयं सड़क पर उतरकर थाना, पुलिस चौकी, बैरियर और चेकपोस्टों का आकस्मिक निरीक्षण करते हैं। इससे न केवल तैनात पुलिसकर्मी सतर्क रहते हैं, बल्कि उन्हें यह भी संदेश मिलता है कि कप्तान स्वयं हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए हैं। जिससे जनता में भरोसा, अपराधियों में खौफ हो गया हैं। आज हालात यह हैं कि आम जनता पुलिस के पास निडर होकर अपनी शिकायतें लेकर पहुंच रही है, जबकि अपराधी किसी भी वारदात को अंजाम देने से पहले सौ बार सोचने को मजबूर हो रहे हैं। “भ्रष्टाचार को जीरो टॉलरेंस” की नीति पर काम करते हुए एसपी केशव कुमार ने कुशीनगर पुलिस को एक नई दिशा देने का काम किया है।कुल मिलाकर, ढाई माह के अल्प कार्यकाल में ही एसपी केशव कुमार ने यह साबित कर दिया है कि यदि नेतृत्व ईमानदार, सक्रिय और कठोर हो, तो व्यवस्था में बदलाव ज़रूर होता है। कुशीनगर पुलिस आज ‘केशव मॉडल’ की पुलिसिंग की ओर तेज़ी से अग्रसर है।
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