Reported By: Farendra Pandey
Published on: Oct 16, 2024 | 7:48 PM
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कप्तानगंज/कुशीनगर। नगर की साहित्यिक संस्था प्रभात साहित्य सेवा समिति की 376 वीं मासिक काव्य गोष्ठी कवि विनोद गुप्ता के आवास पर मंगलवार की शाम शायर अर्शी बस्तवी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। संचालन किया। विनोद गुप्ता ने। काव्य गोष्ठी का आरम्भ सरस्वती वंदना से बेचू बीए से हुई ।
“ज्ञान दे मां मान दे मां ,ऐसा कुछ वरदान दे मां”
इसके बाद इन्होंने यह रचना सुनाई–
“पीड़ा का अंबार ह्रदय में, किसको कैसे बताऊं”
कवि नूरुद्दीन नूर “न शिकवा है कोई न कोई गिला है
मुक्कदर में जो था वही तो मिला है।”
कवि कन्हैया लाल करुण ने यह सुनाया –
“अपनी जिद को ही ना सर्वोपरि कहिये
सबको ध्यान में रख परस्पर मिल रहिये।”
अमजद अली ने खूब सुनाया–
“हमे तो लूट लिया इन चुनाव वालों ने
उम्मीद वालों ने सियासी चालों ने।”
इसके बाद डॉ इम्तियाज़ समर-
“हम ये सुनते आए हैं कौल इक जमाने से
दूरियाँ नहीं रहती दूरियां मिटाने से।”
कवि विनोद गुप्ता ने यह सुनाया-
“गर्ज चरागों का मेरे घर को भी है मगर
खैरात का मैं तेल जलता कभी नहीं।”
अंत में अध्यक्ष अर्शी बस्तवी ने खूब सुनाया-
“रुला सकेंगी न ये गर्दिशें जमाने की
हमें गम में भी आदत है मुस्कुराने की”
इस मौके पर दिलीप कुमार, इस्लाम राइन, अखिलेश मिश्र, अंशु आदि मौजूद रहे।
Topics: कप्तानगंज