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अनुसूचित जाति मोर्चा महानगर गोरखपुर ने “महापरिनिर्वाण दिवस” को धूमधाम से मनाया।

न्यूज अड्डा डेस्क

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Dec 6, 2021  |  8:22 PM

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अनुसूचित जाति मोर्चा महानगर गोरखपुर ने “महापरिनिर्वाण दिवस” को धूमधाम से मनाया।
  • भारत के संविधान निर्माता वास्तुकार एवं दलितों व शोषित व के आदर्श डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि सोमवार को मनाई गई।
  • भारतीय संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब का निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ था। आज के दिन को पूरा विश्व “महापरिनिर्वाण दिवस” के रूप में मनाता है।

गोरखपुर। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा महानगर गोरखपुर के तत्वधान में अंबेडकर चौक दीवानी कचहरी पर माननीय प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग मझवार ने बाबा साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए व उनके आदर्शों वह कार्यों का उल्लेख वहां उपस्थित कार्यकर्ताओं व जनता के बीच किया।

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प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि, बाबा साहब कहते थे मैं सिर्फ उसी धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाए। अंबेडकर बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी थे लेकिन जातीय छुआछूत की वजह से उन्हें प्रारंभिक शिक्षा लेने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। स्कूल में उनका उपनाम उनके गांव के नाम के आधार पर आंबडवेकर लिखवाया गया था। स्कूल के टीचर को उनसे बड़ा लगाव था और उन्होंने उनके उपनाम आंबडवेकर को सरल करते हुए उसे अंबेडकर कर दिया था।

महानगर अध्यक्ष कृष्ण कुमार ने कहा कि अंबेडकर लंदन से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट करना चाहते थे लेकिन स्कॉलरशिप खत्म हो जाने की वजह से उन्हें बीच में ही पढ़ाई छोड़ कर वापस भारत आना पड़ा। सामाजिक भेदभाव की वजह से भारत में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी फिर बाद में उन्हें मुंबई के सिडनेम कॉलेज में प्रोफेसर नियुक्त किया गया। 1923 में उन्होंने “The Problem of the Rupee” नाम से अपना शोध पूरा किया और लंदन यूनिवर्सिटी ने उन्हें “डॉक्टर ऑफ साइंस” की उपाधि दी। 1927 में कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने भी उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दी।

पूर्व आयकर आयुक्त रामसमुझ ने कहा कि बाबा साहब समाज में दलित वर्ग को समानता दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे। उन्होंने दलित समुदाय के लिए एक ऐसी अलग पहचान बनाई जिसमें ब्रिटिश और कांग्रेस दोनों का ही कोई दखल ना हो। 1932 में ब्रिटिश सरकार ने बाबा साहब की पृथक निर्वाचिका को मंजूरी दी लेकिन गांधी जी के आमरण अनशन की वजह से मांग वापस ले ली। उसके बदले में दलित समुदाय को सीटों में आरक्षण और मंदिरों में प्रवेश का अधिकार व छुआछूत खत्म करने की बात मान ली गई।

इस अवसर पर मुख्य रूप से क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अमृतलाल भारती, नरेंद्र महंथा, पार्षद जितेंद्र जीतू जी, महेंद्र गौतम, पूर्व पार्षद दशरथ प्रसाद,महामंत्री अनिल कुमार,दुर्गेश कोरी, उपाध्यक्ष अनिल कनौजिया, लोकेश पासवान, राजेश पासवान, अखिलेश आर्या, महानगर मीडिया प्रभारी इंजीनियर बृजमोहन, संदीप मझवार, रविंद्र कुमार, गोलू कनौजिया, राहुल मझवार, सत्य किशोर समेत महानगर के पदाधिकारी व सम्मानित जनता उपस्थित रही।

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