Reported By: Ved Prakash Mishra
Published on: Feb 16, 2024 | 4:31 PM
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हाटा/कुशीनगर। प्रभु जब अवतार लेते है तो माया के साथ आते है। साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान लेता है और अपने शरीर को प्रधान मान लेता है। जब कि शरीर नश्वर है। कर्म ऐसा करो जो निस्काम हो वही सच्ची भक्ति है।
ये बातें हाटा ब्लाक के गांव मुंडेरा उपाध्याय में रमेश उपाध्याय के वहां नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को श्रीधाम वृन्दावन के आचार्य विश्वेश मणि उपाध्याय ऊर्फ पंकज जी महराज ने कहीं। उन्होंने ने कहा कि मनुष्यों का बोध भागवत कथा सुनाकर ही होता है। विडम्बना यह है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नही करते है। निष्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनो सुधार लेते है। कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है। यहां चौरासी लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं। जब-जब कोई अपने गलत कर्मो द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर सजनों का उद्धार और दुर्जनों का संघार किया करते हैं।
इस दौरान राकेश कुमार उपाध्याय, पिंकी उपाध्याय अजय कुमार उपाध्याय, सुनीता देवी, शौर्य कुमार उपाध्याय, महक उपाध्याय, आदर्श कुमार उपाध्याय, गुड़िया पाण्डेय, खुशबू दुबे , राजेश सिंह, उपेंद्र कुमार रंजीत सिंह पप्पू आदि मौजूद रहे।
Topics: हाटा