Reported By: Ved Prakash Mishra
Published on: Jan 21, 2024 | 4:48 PM
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हाटा/कुशीनगर। श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय में चल रही मानस कथा के चौथे दिन की कथा में भगवान श्री राम के प्रकट होने की रोचक कथा से श्रीता मंत्र मुग्ध हो गये।
कथा व्यास आचार्य रामज्ञान पाण्डेय ने भगवान श्री राम के अवतार की कथा के क्रम में महाराज मनु और महारानी सतरूपा की तपस्या का प्रसंग प्रस्तुत किया जिसमें उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर नारायण ने वर मांगने को कहा।मनु महाराज ने उन्हीं के समान पुत्र का वर मांगा और महारानी सतरूपा ने मांगा कि उन्हें अपने दिव्य रूप में प्रकट होते समय दर्शन दें और जीवन भर उनका स्मरण बना रहे।एवमस्तु कहकर परमपिता परमेश्वर ने समय पर अयोध्या में नौमी तिथि को अभिजीत मुहूर्त में नारायण ने अवतार लिया। उन्होंने कहा कि राम नाम सभी नामों में श्रेष्ठ है। भक्ति और भाव से मनुष्य जिस रूप में याद करता है उसी रूप में वे उसकी इच्छा को पूरी करते हैं। उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास की भक्ति का विशद वर्णन किया और कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने सगुण और निर्गुण में उत्कृष्ट सामंजस्य स्थापित किया है।कथा व्यास श्री पाण्डेय ने मानस के तमाम प्रसंगों का लोक कल्याणकारी विवेचन किया।
इस दौरान गोरखपुर के ख्यातिप्राप्त गजलकार अखिलेश सिंह ने भक्ति गीतों से सबको भक्तिरस से सराबोर कर दिया। जय जय राम सियाराम जै जै राम,के,
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो बस्तु अमोलक दी सतगुरु ने,किरपा करि अपनायो,,गायन पर श्रोतागण काफी देर तक झूमते रहे। तबले पर बेहतरीन संगत प्रबंधक अग्निवेश मणि ने किया। छात्र सत्यानंद चतुर्वेदी एवं पवन तिवारी ने भी सुंदर भजन प्रस्तुत किया।
इस दौरान प्रबंधक अग्निवेश मणि मंत्री गंगेश्वर पाण्डेय अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण पाण्डेय, विश्वास मणि, कवि कृष्ण कुमार श्रीवास्तव ‘कृष्णा’, कवि सच्चिदानंद पाण्डेय,
गोरक्ष नगर सिंघड़िया गोरखपुर से मारकंडेश्वर राव, संजय सिंह, मोहन पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।
Topics: हाटा