Reported By: Ved Prakash Mishra
Published on: Feb 21, 2024 | 6:13 PM
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हाटा/कुशीनगर। स्थानीय ब्लाक के गांव मुंडेरा उपाध्याय में चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के आठवें दिन श्रीधाम वृन्दावन के आचार्य विश्वेश मणि उपाध्याय ऊर्फ पंकज जी महराज ने कथा श्रोता रमेश उपाध्याय व गीता देवी सहित पांडाल में मौजूद सैकड़ों श्रद्धालुओं को सुदामा चरित्र का प्रसंग का वर्णन किया।
श्रीधाम वृन्दावन के आचार्य सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि संसार में मित्रता श्री कृष्ण और सुदामा की तरह होनी चाहिए। सुदामा के आने की खबर मिलने पर श्रीकृष्ण दौड़ते हुए दरवाजे तक गए थे। पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल से पग धोए, अर्थात श्री कृष्ण अपने बाल सखा सुदामा के आगमन पर उनके पैर धोने के लिए पानी मंगवाया, परन्तु सुदामा की दुर्दशा को देखकर इतना दुख हुआ है कि प्रभु के आंसुओं से ही सुदामा के पैर धुल गए। आधुनिक युग में स्वार्थ के लिए लोग एक-दूसरे के साथ मित्रता करते हैं और काम निकल जाने पर वे भूल जाते है। जीवन में प्रत्येक प्राणी को परमात्मा से एक रिश्ता जरूर बनाना चाहिए। भगवान से बनाया गया रिश्ता जीव को मोक्ष की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि स्वाभिमानी सुदामा ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सखा कृष्ण का चिंतन और स्मरण नहीं छोड़ा। इसके फलस्वरूप कृष्ण ने भी सुदामा को परम पद प्रदान किया। सुदामा चरित्र की कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए।
प्रसिद्ध झांकी टीम ने कृष्ण सुदामा मिलन की दिव्य सजीव झांकी का प्रस्तुतिकरण दिया गया। उन्होंने बताया कि भागवत कथा सुनने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा सुनने आसपास के गांवों में भी श्रद्धालु पहुचे।
Topics: हाटा