Reported By: Sanjay Pandey
Published on: Oct 24, 2024 | 7:46 PM
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खड्डा/कुशीनगर। खड्डा परिषद क्षेत्र में पेराई सत्र 2024-25 में 18 प्रतिशत गन्ना क्षेत्रफल की वृद्धि के साथ अत्यधिक पानी लगने से लगभग 1500 एकड़ गन्ना सूख गया है। इस बात की जानकारी ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक पवन कुमार पटेल ने दी है।
श्री पटेल ने बताया कि गन्ना पेराई सत्र 2024-25 में खड्डा परिषद परिक्षेत्र में 18 विगत पेराई सत्र 2023-24 में 11 हजार हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल था जो बढ़कर 13 हजार हेक्टेयर हो गया है। असमय अधिक वर्षा होने के कारण 15 सौ एकड़ से अधिक गन्ना क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। ग्राम लखुआ के प्रगतिशील किसान उमेश गुप्ता ने अपना सूखा गन्ना खेत दिखाया जिसमें उन्होने को. लख.14201 तथा को.118 बोया था जो अब सूख चुकी है, गन्ना सूख जाने से निराशा हुई है। एक अन्य किसान अमन गुप्ता ने कहा कि सरकार उन किसानों को अनुदान प्रदान करें जिनका गन्ना सूख गया है।
ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक ने बताया कि ग्राम मदनपुर, शिवपुर, सोहगीबरवा, मरचहवा आदि प्रमुख गांव है जहां अधिक क्षेत्रफल में गन्ना फसल प्रभावित हुई है।
उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच गोरखपुर के कृषि वैज्ञानिक ओम प्रकाश गुप्ता ने ग्राम लखुआ में किसानों को बताया कि अधिक वर्षा का होना तथा जल निकास की व्यवस्था न होना, केवल गन्ने की शीघ्र पकने वाली प्रजातियों की बुवाई करना, लगातार एक ही खेत में गन्ने की बुवाई करना, फसलचक्र न अपनाना गन्ना सूखने का प्रमुख कारण है। गन्ना फसल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाने वाला रोग लाल सड़न-रेड रॉट का फफूंद जलप्लावित खेतों में उपलब्ध है जिसके कारण गन्ने के साथ-साथ उसकी जड़ें भी सूख रही है। गन्ना फसल न सूखने के लिए अपने खेतों के अनुसार गन्ना प्रजाति का चयन करें। हरी खाद ढैचा को अपनाए, गन्ना प्रजातियों का संतुलन होना चाहिए तथा भूमि व बीज गन्ना का उपचार भी आवश्यक है। लखुआ गांव के आद्या गुप्ता, उमेश गुप्ता, जोधन यादव, रामलखन जायसवाल, रवीश यादव, ध्रुव यादव, शिवपूजन जायसवाल, निजामुद्दीन, रामआशीष यादव, शुड्डु गुप्ता का गन्ना की फसल सूख गया है। इसी तरह ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रामपुर गोनहा अवनीन्द्र गुप्ता ने बताया कि एक एकड़ गन्ना को बुवाई से चीनी मिल भेजने तक 45 से 50 हजार रुपया खर्च हो रहा है, हम किसान परेशान हैं, लगातार गन्ने की लागत बढ़ रही है। सबसे अधिक पानी सहने वाली गन्ना प्रजाति 9301 भी इस वर्ष सूख रही है। खड्डा परिक्षेत्र में 24000 किसान गन्ने की खेती कर रहे हैं। गन्ना समिति खड्डा का गन्ना चीनी मिल खड्डा, रामकोला, पिपराइच, ढ़ाढ़ा को आवंटित किया जाता है।
आईपीएल चीनी मिल के केन हेड सुधीर कुमार ने बताया कि किसानो की मांग को देखते हुए आई. पी. एल. चीनी मिल खड्डा की पेराई क्षमता बढ़ाई गई है, जिससे एरिया के किसानो को गन्ना आपूर्ति मे इस वर्ष काफी सुविधा होगी। कृषि यंत्र एवं यार्ड में रोशनी के लिए दो बड़े लाइट सिस्टम लगाए जा रहे हैं।
Topics: खड्डा