कप्तानगंज/कुशीनगर। किसान आंदोलन चलते आज लगभग छह महीने से ज्यादा हो गया लेकिन अभी तक इसके समाधान का कोई निष्कर्ष नहीं निकला जो सरकार, देश व किसान तीनों के लिए हानिकारक है। केन्द्र और प्रदेशों की सरकार भी कोरोना महामारी व किसान आंदोलन के कारण कोई भी विकास कार्य नहीं कर पा रहे है साथ ही साथ किसान भी आंदोलन के कारण ठीक से अपनी खेती बारी नहीं कर पा रहे हैं और इन दोनों कारणों से देश की अर्थ व्यवस्था पर सीधा सीधा असर देखने को मिल रहा है जो अत्यन्त कष्टदायक है। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए वेटरनस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व किसान मोर्चा रामचन्द्र सिंह की अध्यक्षता में देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी से सम्बन्धित अपने त्रिस्तरीय माँगों का ज्ञापन ऋतु सुहास, अपर जिलाधिकारी, गाजियाबाद को सौपते हुए माँग किये है की जब देश का अन्नदाता (किसान) इस तीनो अध्यादेशों को मानने से इनकार करता है और आन्दोलित है तो उनके ऊपर इस तीनों अध्यादेशों को लागू नही किया जाना चाहिए। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तत्काल कानून बनाने की ब्यवस्था सुनिश्चित किया जाय। किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवार को बीस-बीस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाये। आगे एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, किसान मोर्चा श्री सिंह ने कहा है कि सरकार को किसानों की मांग को मान लेना चाहिये ताकि सरकार व किसान दोनों का सम्मान बना रहेगा। यदि ऐसा निर्णय सरकार द्वारा नही लिया तो किसान संयुक्त मोर्चा का समर्थन देने के लिए हमारा एसोसिएशन (पूर्व सैनिक संगठन भारत) सदैव साथ है और रहेगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश मिश्र, राष्ट्रीय प्रवक्ता हमरेंद्र सिंह राणा, राष्ट्रीय सचिव अनुराग लठवाल, राष्ट्रीय सचिव बालकिशन यादव, विंग कमांडर (रिटायर) अनुमा आचार्या, तेजबीर सिंह के साथ साथ अन्य किसान मौजूद रहे।
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