Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Jan 12, 2023 | 8:12 PM
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कुशीनगर (सुनील कुमार नीलम)। कलयुग में मनुष्य अपने भावों को सत्संग के जरिए ही स्थिर रख सकता है। सत्संग के बिना विवेक उत्पन्न नहीं हो सकता और बिना सौभाग्य के सत्संग सुलभ नहीं हो सकता। यह बातें तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत कोरया में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन बुधवार की सायं भागवत कथा विशेषज्ञ आचार्य विनय पांडेय ने कही। नारद भक्ति संवाद , गोकर्ण व धुंधकारी प्रसंग के माध्यम से कथा महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कथावाचक ने कहा कि इस श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप धुल जाते है। मनुष्य अपने जीवन में सातों दिवस को किसी ने किसी देवता की पूजा अर्चना करता है, लेकिन मानव जीवन में आठवां दिवस परिवार के लिए होता है।
कलयुग में केवल नाम मात्र से मानव जीवन धन्य हो जाता है, और उसे संसारिक मायाजाल से मुक्त होकर भवसागर से पार लगाने का मार्ग प्रशस्त करता है। कथा के समापन पर आरती प्रसाद का वितरण किया गया। पंकज त्रिपाठी ( आर्गन ) रमेश श्रीवास्तव (हारमोनिया) व कमलेश दास (तबला) ने संगीत पर संगत की। पं.दीपक शास्त्री व पं. अमरनाथ मिश्र ने परायण पाठ किया।
आयोजक वन्दना देवी, नन्द पाठक, मुख्तार पाठक, नीरज, अजय तिवारी, बाबूराम वर्मा, टुन्नु शाही, सोनू शाही, उमाशंकर पाठक, उपेंद्र पाठक , ओम पाठक, कल्पनाथ , मेनका, लीलावती , कमला देवी, सोहिला, नूपूल, पलक, श्वेता, आरती, नीलू, रंभा, आदि उपस्थित रहे।
Topics: तुर्कपट्टी