Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Dec 22, 2021 | 9:39 PM
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नेबुआ नौरंगिया/कुशीनगर। जिले में डग्गामारी किसी से छुपी नहीं हैं परंतु पुलिस व परिवहन विभाग के अफसर इस हद की अनदेखी कर रहे हैं कि उनकी नजर में डग्गामारी है ही नहीं। बाराबंकी में एक बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था कि अबैध रूप से चल रहे वाहनों का संचालन हर हाल में रोकें। सभी वाहनों के परमिट चेक किया जाए। किसी भी सूरत में यूपी की सीमा में बिना परमिट वाहनों का प्रवेश न होने पाए लेकिन कुशीनगर में इसका कोई असर नही दिख रहा है। जिससे लगातार दुर्घटनाओं में बृद्धि होती ही जा रही है कुशीनगर जनपद बसों से होने वाली दुर्घटनाओं की राजधानी बनता जा रहा है।
27 जुलाई को बाराबंकी में अयोध्या हाइवे पर कल्याणी नदी के पुल के पास हुई दुर्घटना को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को सख्ती बरतने के निर्देश दिए लेकिन विभाग अपने पुराने ढर्रे पर चला जा रहा है। जिले की बात करे तो मंगलवार की रात बिना परमिट बस के चपेट में आने से नेबुआ नौरंगिया थानाक्षेत्र के लक्ष्मीपुर निवासी एक मजदूर की मौत हो गई। कुशीनगर जनपद की सीमा बिहार प्रान्त से लगती है जहाँ से बिहार से बिना परमिट बसें प्रतिदिन गोरखपुर से बिहार को चलती हैं साथ ही बिहार से अन्य प्रांतों में मजदूर लेकर जाती हैं लेकिन बगहा पनियहवा कप्तानगंज गोरखपुर रूट पर विभाग की ओर से कोई जाँच पड़ताल न होने से इन डग्गामार बसों का बेरोक टोक आवागमन जारी है जिससे परमिट लेकर बैध रूप से वाहन चलवाने की मंशा रखने वाले वाहन स्वामियों के साथ सरकार के राजस्व की भी क्षति हो रही है। नाम न छापने की शर्त पर एक वाहन स्वामी ने बताया कि विभाग द्वारा उत्तरप्रदेश की सीमा शालिकपुर (पनियहवा) से कप्तानगंज होकर गोरखपुर तक का परमिट जारी किया गया है लेकिन बिहार से आने वाली बिना परमिट बसों के चलते परमिट सुदा बसें सरेंडर करा कर खड़ी करने पर मजबूर हैं।