Reported By: Ram Bihari Rao
Published on: Oct 2, 2021 | 9:37 PM
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रामकोला/कुशीनगर (न्यूज अड्डा)। पैतीस वर्ष पूर्व कमाने गये बेटे की पहचान होते ही मां की ममता छलकी और बेटे को पकड़ कर फफक – फफक रोने लगी।
घटना पैतीस वर्ष पूर्व की है। रामकोला थाना क्षेत्र के खोटही के राजपुर टोले का मंगरू कुशवाहा का बारह वर्षीय बेटा सुरेश कुशवाहा अपने दोस्त के साथ रोजी-रोटी की तलाश में राजस्थान गया जहां पर उसे किसी व्यापारी के यहां बेच दिया गया था,चार साल वहां रहने के बाद सुरेश मौका देख कर भाग निकला और दिल्ली पहुंच गया।दिल्ली में एक व्यक्ति के यहां सेवा दार के रूप में काम किया फिर इधर-उधर काम करने के बाद सुल्तानपुर पहुंचा। सुल्तानपुर में उसकी मुलाकात अपराध निरोधक कमेटी से हुई पूरी जानकारी हासिल करने के बाद कमेटी के लोगों ने एसडीएम के सामने पेश किया और फिर कमेटी के लोग उसे लेकर रामकोला थाने पर आये।थाने पर उसकी मां को बुलाया गया, मां ने उसकी पीठ पर लगे चोट के निशान से पहचानने के बाद फफक-फफक कर रो पड़ी।
सुल्तानपुर से रामकोला थाने पर पहुंचे अपराध निरोधक कमेटी के अमर बहादुर सिंह,हरिगोविद मौर्या,हरिराम ने सुरेश कुशवाहा के साथ घटित हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि सुल्तानपुर में सुरेश से मुुलाकात हुई और घटनाओं की जानकारी मिली ,काफी खोजबीन बीन के बाद जब पता चल गया तो हम लोग लेकर थाने पहुंचे है।घटना को सुनने के बाद रामकोला थाना प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश कुमार सिंह ने तत्काल उसकी मां कलावती देवी को बुलाया और पैतीस वर्ष पूर्व गुम हुए लड़के के मिलने की जानकारी दी।मां को विश्वास नहीं हुआ, मां ने कहा कि बेटे के नाम पर कुछ वर्ष पूर्व एक फर्जी साधू बनकर घर आया था और ठग कर भाग गया।मां ने बेटे की पीठ और पैर में बचपन में लगे चोट को देखा तो पहचान गयी और पैतीस वर्ष बाद मिले अपने लाल (कलेजे के टुकड़े) को पकड़ कर फफक -फफक रोने लगी।बेटा भी मां को पकड़ कर रोने लगा।ऐसा लग रहा था कि जन्नत की सारी खुशियाँ दोनों को मिल गयी हो।बेटे को मां और मां को बेटा मिल गया।इसमें अपराध निरोधक कमेटी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।जो उजड़े घर को बसाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान की।
Topics: कुशीनगर पुलिस रामकोला