Reported By: सुनील नीलम
Published on: May 12, 2023 | 6:39 PM
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कुशीनगर। तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत पगरा बसंतपुर के ब्रह्म स्थान पर आयोजित नौ दिवसीय रामकथा अमृतवर्षा व अखंड हरिकीर्तन में गुरुवार की रात्रि कथावाचिका सत्यामणि त्रिपाठी ने श्रद्धालुओं को धनुष भंग प्रसंग सुनाया।
कथा वाचिका ने बताया कि देश देशांतर के कोने-कोने से आए हुए बलशाली राजाओं द्वारा धनुष को नहीं उठा पाने पर राजा जनक दुखी हो गए। इसी बीच भगवान राम ने धनुष को तोड़़कर जनक के दुख का निवारण किया। धनुष टूटते ही भगवान श्रीराम व जगत जननी जानकी का विवाह निश्चित हो गया था, क्योंकि विवाह की यही शर्त थी। कथावाचिका ने रोचक तरीके से परशुराम लक्ष्मण संवाद की कथा सुनाई। कहा कि इसके उपरांत राजा जनक ने विधि-विधान से लोक रीति, तथा वेद रीति को ध्यान में रखते हुए अपने एक प्रबुद्ध दूत को अयोध्या भेजकर महाराज दशरथ को आमंत्रण पत्र दिया। दशरथ ने इस शुभ समाचार और विवाह का आमंत्रण देने के उपलक्ष्य में जनकपुर से आए दूत को पुरस्कार स्वरूप बहुमूल्य हीरे-जवाहरात के आभूषण देना चाहा, लेकिन दूत ने यह कहते हुए कि हमारे महाराज की पुत्री हमारे लिए भी पुत्री के समान है, इसलिए पुत्री के होने वाली ससुराल से किसी तरह का उपहार हम स्वीकार नहीं कर सकते।
इस दौरान रामदास सिंह,गुड्ड गोड़, सिकंदर, विशाल कुशवाहा, रामाश्रय, नगनरायन सिंह, महातम कुशवाहा, अनिरुद्ध सिंह, सुदामा गुप्ता, मुन्ना सिंह, आनन्द सिंह, छोटे सिंह, अमरनाथ प्रजापति, ओमप्रकाश गुप्ता, अशोक गुप्ता, कलावती देवी, रंभा देवी, सीमा देवी, विमलादेवी, रागनी देवी, शीला देवी, सरोज देवी, सुष्मिता कुमारी आदि मौजूद रहे।
Topics: तमकुहीराज