Reported By: सुनील नीलम
Published on: Feb 27, 2025 | 6:55 PM
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तुर्कपट्टी। तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत राजापाकड़ के शिवाला टोला मे 120 वर्ष पूर्व स्थापित शिवमंदिर परिसर में वर्ष 1965 से लगने वाले महाशिवारात्रि मेला के निमित्त आयोजित 11 दिवसीय श्री श्री 1008 श्री रामचरित मानस नवाह परायण महायज्ञ के 11वें दिन व कथा प्रवचन के नौवें दिन अयोध्याधाम से पधारे कथावाचक गायत्री नंदन महाराज ने शिवरात्रि के महात्म्य पर प्रकाश डाला। हवन पूजन के साथ यह का समापन हुआ।
पारंपरिक महाशिवरात्रि मेला में श्रद्धालुओं की भीडः
भंडारा व प्रसाद वितरण रविवार को होगा।
श्रोताओं को कथा सुनाते कथावाचक ने कहा कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था इसलिए इस दिन को शिव और शक्ति के मिलन के रूप में भी मनाया जाता है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव का केवल निराकार रूप था। महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार शिवलिंग के रूप में सृष्टि में प्रकट हुए थे। यह एक ऐसा शिवलिंग था जिसका ना तो आदि था और न ही अंत। उनके इस रूप का सबसे पहले ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु ने पूजन किया था। इसके पूर्व सीपीआईसी के डायरेक्टर धर्मेंद्र श्रीवास्तव, सूर्यकांति देवी, अनुपमा श्रीवास्तव, अनामिका श्रीवास्तव, राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश सचिव सियाशरण उर्फ सप्पू पांडेय, अरविंद सिंह, पूर्व जिपंस संजय पासवान, रामबिहारी गुप्ता, राहुल मिश्र, गोविंद उर्फ मुन्ना मिश्र आदि ने कथामंच का शुभारंभ किया। यज्ञ का समापन हवन-पूजन व भव्य मेला के साथ हुआ। आयोजन समिति के अध्यक्ष राजू यादव ने बताया कि पक्का यज्ञशाला के निर्माण हेतु आगामी रविवार को प्रात: दस बजे भूमिपूजन होगा। इसी दिन दोपहर 12 बजे से भंडारा आयोजित होगा।
इस दौरान आयोजक हरिदास महाराज, अध्यक्ष राजू गुप्ता, कोषाध्यक्ष सत्यनारायण यादव, भोलू यादव, छोटो ठाकुर, मुकेश यादव, पप्पू यादव, सुनील मिश्र, अशोक यादव, बिंदू देवी, किसमती देवी, रुबी, छोटी, निशु, बबल, रागिनी, कल्याणी, विनीता, लक्ष्मी, श्रीमती, रीता देवी, सोनी गुप्ता, अंशिका, पूजा आदि मौजूद रहे।
Topics: तुर्कपट्टी