Reported By: सुनील नीलम
Published on: Oct 8, 2025 | 5:22 PM
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तुर्कपट्टी/कुशीनगर। शिवजी जब सती को अमर कथा सुना रहे थे, तभी उन्होंने प्रभु श्रीराम को सीता वियोग में वन-वन भटकते देखा। भगवान को मानव रूप में विलाप करते देख शिवजी ने उन्हें प्रणाम किया। यह दृश्य देखकर सती चकित रह गईं। उन्होंने कहा स्वामी जिन्हें आप परमब्रह्म बताते हैं, वे यदि सर्वज्ञ हैं तो सीता वियोग में इस तरह व्याकुल क्यों हैं। शिवजी ने कहा कि प्रभु श्रीराम का यह शोक भी लोक शिक्षार्थ है, यह सब लीला मात्र है।
यह बातें कथावाचिका अंजलि द्विवेदी ने कही। वह तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत पगरा पड़री के बसंतपुर टोला स्थित ब्रह्मस्थान परिसर में चल रहे नौ दिवसीय श्रीरामकथा अमृत वर्षा व अखंड हरिकीर्तन के दूसरे दिन मंगलवार की रात्रि सती संदेह प्रसंग का वर्णन कर रहीं थीं। कथावाचिका ने आगे कहा कि भगवान शिव की बात पर सती को विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने सत्य परखने हेतु सीता का रूप धारण कर प्रभु श्रीराम के समीप जाकर परीक्षा ली। राम ने उन्हें देखकर कहा ‘माता, प्रभु शिव के साथ पधारी हैं। यह सुन सती को गहन लज्जा व पश्चात्ताप हुआ। लौटकर वे मौन हो गईं, पर भीतर ग्लानि से व्याकुल रहीं कि उन्होंने अपने आराध्य पर ही संशय किया था।
इस अवसर पर राजकिशोर प्रसाद, नगनारायण सिंह, मनोरंजन शाही, महातम कुशवाहा, सुदामा गुप्ता, अनिरुद्ध सिंह, अंजित गुप्ता, अमरनाथ प्रजापति, बैजू सिंह, छोटे सिंह, राजेश पांडेय, अभिमन्यु पांडेय, कामोद सिंह, श्रीराम गोंड, आदित्य कुमार, सोनू कुशवाहा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
Topics: तुर्कपट्टी