Reported By: Ved Prakash Mishra
Published on: Aug 26, 2024 | 5:10 PM
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हाटा/कुशीनगर । श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय में शताब्दी वर्ष समारोह के अष्टम कार्यक्रम के अंतर्गत काव्य गोष्ठी आयोजित की गई जिसमें कवियों ने विभिन्न विधाओं की कविता एवं गीतों से श्रोताओं का मन मोह लिया।
काव्य गोष्ठी का शुभारंभ लोक गायक धीरज राव के सरस्वती वंदना से हुआ। भगवान श्रीकृष्ण के अवतार से जुड़ी सामयिक रचना सूरज राम आदित्य ने सुनाई -जब जब पाप बढ़े धरती पर अलख जगाना पड़ता है। सुनाकर भगवान के अवतार पर सारगर्भित भाव श्रोताओं पर छोड़ा। भगवान कृष्ण के रास पर आधारित शेर सुनाया अब्दुल हमीद आरज़ू ने -यूं ही नहीं कान्हा ने रास रचाया होगा,इक फलसफा है कृष्ण कन्हैया की बांसुरी।।
प्रेम पर आधारित रचना पढ़ी रामानुज द्विवेदी ने, बांसुरी मधुर बजाके प्रेम सिखावे के पड़ी। अक्षय कुमार गिरि ने नारियों पर हो रहे अत्याचार पर रचना सुनाई, सोया समाज है भारत में न्याय व्यवस्था सोई है। मोहन पाण्डेय भ्रमर ने देश की संस्कृति पर आधारित कजरी सुनाया -अपने देसवा के हवे बड़ा नाम पिया इ हे हिंदुस्तान पिया ना।। शैलेन्द्र असीम ने सुनाया -मेरो मन राधे राधे बोल।नाम सुनेंगे श्याम तेरे हो जायेंगे बिन मोल। कवि विनोद पाण्डेय ने भारत माता गीत सुनाया। गोष्ठी के मुख्य अतिथि ख्यातिलब्ध भोजपुरी कवि चंदेश्वर परवाना ने सेना के जवान की भावनाओं को व्यक्त किया जो काफ़ी सराहा गया -राहि निहारत अॅचरा भेंवत माई रोवत होई।दिया दियारी खिचड़ी सीतल,का का सोंचत होई।
संचालन कर रहे कवि सच्चिदानंद पाण्डेय ने काव्य पाठ भी किया। अध्यक्षता त्रिलोकी नाथ त्रिपाठी चंचरीक ने किया।
इस दौरान महाविद्यालय के अध्यक्ष जयप्रकाश पाण्डेय, मंत्री गंगेश्वर पाण्डेय, प्राचार्य राजेश कुमार चतुर्वेदी, संजय पाण्डेय,पिंटू उपाध्याय सतीश चन्द्र शुक्ल, बशिष्ठ द्विवेदी, आदि उपस्थित रहे।
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