Reported By: Ram Bihari Rao
Published on: Sep 23, 2021 | 4:02 PM
649
लोगों ने इस खबर को पढ़ा.
रामकोला/कुशीनगर (न्यूज अड्डा)। त्रिवेणी चीनी मिल रामकोला परिक्षेत्र के अंतर्गत नेका छपरा में उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र- पिपराइच, गोरखपुर द्वारा शरदकालीन गन्ना गोष्ठी का आयोजन कर गन्नेे की वैैैज्ञानिक खेती के
प्रति कृषकों को जागरूक किया गया।गन्ने के साथ सहफसली खेती करने पर जोर दिया गया।गन्ना विकास के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी दी गई।
गोष्ठी में पहुंचे गन्ना संस्थान के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि किसान को.शा. 13235,यू.पी. 05125, को.118, को.से.1345 , 11453,को.शा.9232 आदि अर्ली तथा सामान्य दोनों प्रजातियों की गन्ने की बुवाई करें ।उन्होंने कहा कि शरदकालीन गन्ने के साथ आलू,लहसुन,तोरिया, धनिया की सहफसली खेती करें और अपना सर्वेक्षण देख लें तथा घोषणा पत्र अवश्य भरें।उन्होंने कहा कि गन्ने में रेड राट रोग के नियंत्रण के लिए कोई दवा नहीं है। चीनी मिल के अपर गन्ना प्रबंधक संजय कुमार चौबे व राघव वर्मा ने संयुक्त रूप से जानकारी दी कि चीनी मिल बीज गन्ना उपचार के लिए फफूदीनाशक पर 50% अनुदान देगी।उन्होंने बताया कि शरकालीन गन्ना की बुवाई करने पर उपज में बढ़ोत्तरी होती है।बुवाई के लिए चीनी मिल द्वारा उन्नत प्रजाति का बीज दिया जा रहा है।गोष्ठी मेंं आये रमाशंकर सिंह,रामजी सिंह, परसुराम सिंह,मुन्ना सिंंह आदि प्रगतिशील किसानोंं ने को. 0238 प्रजाति की गन्ना सूखने की बात रखी और कहा गन्ने की फसल सूखने से किसान परेशान है।सरकार से किसानों को मुआवजा देने की मांग की।गन्ना विभाग के श्रीपति सिंह ने किसानों को गन्ना साहित्य दिया।गोष्ठी में दीना सिंह, जगदीश सिंह, मनोज सिंह रवीन्द्र सिंह, रूद्रप्रताप, पारस यादव ,जवाहर सिंह आदि उपस्थित रहे।
Topics: रामकोला