कुशीनगर। (संडे स्पेशल) जनपद कुशीनगर में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ दिन-प्रतिदिन डरावना होता जा रहा है। विडंबना यह है कि अभी कुहासे की शुरुआत भी नहीं हुई है, इसके बावजूद सड़कें मौत का रास्ता बनती जा रही हैं। यातायात नियमों की खुलेआम अनदेखी, बेलगाम रफ्तार और नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने की बढ़ती प्रवृत्ति इन हादसों की सबसे बड़ी वजह बन रही है।
जनपद की सड़कों पर कम उम्र के बच्चे बेखौफ होकर दोपहिया वाहनों से रेस लगाते नजर आ रहे हैं, वहीं कई नौसिखिए चालक बिना अनुभव के चार पहिया वाहन तेज गति से दौड़ा रहे हैं। ऐसे हालात में राहगीरों और खुद चालकों की जान हर पल खतरे में बनी रहती है। प्रतिदिन किसी न किसी मोड़ पर हादसा हो रहा है और किसी के घर का चिराग बुझ रहा है। ग्रामीण अंचलों की स्थिति और भी चिंताजनक है। कृषि कार्य में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर-ट्रालियों को बिना किसी सुरक्षा मानक के सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। कई चालक न तो सही ढंग से कपड़े पहनते हैं, न ही वाहन पर कोई सुरक्षा संकेतक होता है। ऊपर से ट्रैक्टर-ट्रालियों पर कानफाड़ू आवाज में अश्लील गीत बजाते हुए व्यवसायिक कार्य किया जा रहा है, जो न केवल यातायात नियमों का घोर उल्लंघन है, बल्कि सामाजिक मर्यादाओं को भी तार-तार कर रहा है।
जानकारी रहे कि पिछले कुछ सप्ताहों में जनपद में सड़क हादसों की संख्या में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सूत्रों के अनुसार प्रतिदिन औसतन 5 से 7 सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं।जिसमे सर्वाधिक हादसे दोपहिया वाहनों से जुड़े हैं। अधिकांश मामलों में चालक हेलमेट और सीटबेल्ट का प्रयोग नहीं कर रहे है।कई दुर्घटनाओं में वाहन चालक की उम्र 18 वर्ष से कम पाई गई। ये आंकड़े साफ संकेत दे रहे हैं कि अगर समय रहते सख्ती और जागरूकता नहीं बढ़ी तो हालात और भयावह हो सकते हैं।
पुलिस प्रशासन का पक्ष :
इस विषय पर पुलिस प्रशासन ने भी गंभीर चिंता जताई है। कुशीनगर पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने बताया कि “तेज रफ्तार, नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना और शराब के नशे में ड्राइविंग सड़क हादसों की मुख्य वजह बन रही है। पुलिस लगातार चेकिंग अभियान चला रही है। आने वाले दिनों में स्कूल-कॉलेजों के आसपास और ग्रामीण सड़कों पर विशेष जांच अभियान तेज किया जाएगा।” पुलिस द्वारा हेलमेट, सीटबेल्ट, ड्रिंक एंड ड्राइव, ओवरलोडिंग और बिना लाइसेंस वाहन चलाने वालों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है, इसके बावजूद लोगों की लापरवाही थम नहीं रही है।
एआरटीओ कुशीनगर की सख्त चेतावनी और मानवीय अपील :
सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) कुशीनगर ने बढ़ती दुर्घटनाओं को लेकर वाहन स्वामियों और चालकों से सख्त लेकिन मानवीय अपील की है। उन्होंने कहा कि “सड़क पर चलने वाला हर व्यक्ति किसी न किसी का बेटा, बेटी, भाई या माता-पिता होता है। एक छोटी-सी गलती किसी पूरे परिवार को जीवन भर का दर्द दे सकती है। नाबालिगों को वाहन न सौंपें, तेज गति से बचें, हेलमेट और सीटबेल्ट का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें तथा ट्रैक्टर-ट्रालियों को पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही सड़क पर उतारें। आपकी सावधानी ही किसी की जिंदगी बचा सकती है।” एआरटीओ ने यह भी स्पष्ट किया कि नियमों की अनदेखी करने वालों के विरुद्ध जिलेभर में सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत बिना लाइसेंस, नाबालिग चालकों, ओवरलोडिंग, तेज ध्वनि प्रसारण और नियमविरुद्ध ट्रैक्टर-ट्रालियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई व भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
संडे स्पेशल लिखने वाली टीम ने कुछ जागरूक आम जनता की प्रतिक्रिया भी सुनी ! उसके अनुसार बढ़ते सड़क हादसों को लेकर आम नागरिकों और सामाजिक संगठनों में भी गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि “अब हर घर में किसी न किसी हादसे की चर्चा होती है। प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी जिम्मेदारी समझनी होगी।” कई अभिभावकों का मानना है कि बच्चों को समय रहते दोपहिया वाहन देने की आदत छोड़नी होगी, नहीं तो छोटी लापरवाही बड़ा हादसा बन सकती है।
“न्यूज अड्डा” का जनहित में संदेश :
सड़क सुरक्षा केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। यातायात नियमों का पालन, संयमित गति, हेलमेट व सीटबेल्ट का उपयोग और नाबालिगों को वाहन न देना ही हादसों पर लगाम लगा सकता है।
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