Reported By: Sanjay Pandey
Published on: Oct 2, 2024 | 8:14 PM
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महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ‘ट्रस्ट’के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय ने बताया कि शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होता है जो इस वर्ष गुरुवार को प्रतिपदा तिथि रात्रि 01:08 तक है। कल हस्त नक्षत्र दिवा 03:17 तक पश्चात् चित्रा नक्षत्र रहेगा।
‘मूलेन आवाहयेत देवि’ के अनुसार इस वर्ष माँ का आगमन नांव पर हो रहा है जो अत्यंत शुभकारी है ।
इस वर्ष नवरात्र पूरे नौ दिनों का है जो गुरुवार से प्रारम्भ होकर शुक्रवार 11 अक्टूबर को पूर्णाहुति होगी।
कलश स्थापना मुहूर्त प्रातः 06:00 बजे से लेकर दिवा 03 बजकर 17 तक कभी भी किया जा सकता है
विशेष अभिजीत मुहूर्त 11:36 से 12:24 बजे तक।
इस शारदीय नवरात्र में माँ भगवती का आगमन नाँव पर हो रहा है जोजगत के लिए कल्याणकारी है।
ज्योतिषाचार्य राकेश पाण्डेय बताते है कि ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस नवरात्र का आरम्भ मिथुन लग्न में हुआ है जिसका स्वामी बुध चतुर्थ भाव में अपने ही राशि कन्या का व सूर्य चन्द्रमा केतु के साथ विराजमान है जो शुभ फल प्रदान करेगा। कृषक वर्ग के लिए यह वर्ष सामान्य होगा। धन धान्य की उत्पत्ति होगी। व्यापारी वर्ग व सम्पूर्ण जनमानस के लिए यह योग उत्तम है। सभी वर्ग के लोगों को चाहिए कि इस शारदीय नवरात्र में माँ भगवती का ध्यान कर ‘जयन्ती मंगला काली भद्र काली कपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते’ का जप करें। जिससे सम्पूर्ण जनमानस का कल्याण हो। कलश स्थापना के पश्चात् माँ भगवती दुर्गा जी का पञ्चोपचार या षोडशोपचार पूजन कर दुर्गासप्तशती पाठ, नवार्ण मन्त्र का जप निष्ठा पूर्वक करना चाहिए। प्रत्येक सनातन धर्मियों को चाहिए कि मन, वचन व कर्म से पवित्र रहते हुये माँ भगवती की उपासना करें।