अहिरौली बाजार/कुशीनगर।पकड़ी के अन्तर्गत ग्राम-सभा सुम्हाटार में 18 वें वार्षिक संत समागम का भव्य आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश से आए केंद्रीय प्रचारक संत अशोक शास्त्री ने किया।श्रीशास्त्री ने अपने संबोधन में कहा ब्रह्मज्ञान को सरल तरीके से परिभाषित करते हुए कहा किसी भी वस्तु को उसके मूल रूप में जानना ज्ञान है। परमात्मा को मूल रूप में जानना ही ब्रह्मज्ञान है।ब्रह्म सत्यं, जगत मिथ्या अर्थात इस संसार में परमात्मा ही सत्य है।परमात्मा की प्राप्ति ही मनुष्य जीवन का उद्देश्य है।
निरंकारी संत समागम के वार्षिक अधिवेशन में हजारों की संख्या में दूर दूर से संत महात्मा उपस्थित हुए थे।सबने बड़े ही सुंदर भाव में अपने अपने भजन व विचार प्रस्तुत किए।
संत निरंकारी मिशन वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को चरितार्थ करते हुए संपूर्ण जगत में मानव एकता और शांति का पैगाम देता है।सेवा दल के भाई और बहनों ने लंगर से लेकर समागम स्थल तक काफी परिश्रम किया था।समागम की सुंदरता मनमोहक थी।इस पुनीत कार्य में ग्राम सभा सुम्हाटार के सभी लोगों का सहयोग प्राप्त हुआ था,जिसमें लल्लू सिंह,सोहनलाल सिंह और सूरज सिंह का भरपूर सहयोग मिला।पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय हो गया था।
इस संत समागम का आयोजन निरंकारी महात्मा रामरूप विश्वकर्मा,रमेश कुमार (प्रधानाध्यापक),दिलीप विश्वकर्मा,रामकृपाल विश्वकर्मा,वीरेंद्र साहनी, रामसुबाष साहनी,सुनील गौड़,झिनक,शीतल यादव,कैलाश यादव,रमेश गुप्ता,ओमप्रकाश गुप्ता,गुड्डू पहलवान,रामवचन व समस्त साध-संगत सुम्हाटार द्वारा किया गया था।
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