Reported By: अनिल पाण्डेय
Published on: Feb 21, 2025 | 7:13 PM
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बोदरवार/कुशीनगर। इंद्र के छल के कारण अपने पति गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर बनी हुई अहिल्या को अपने गुरु के साथ जनकपुर में आयोजित धनुष यज्ञ को देखने के लिए जा रहे भगवान राम ने रास्ते स्थित आश्रम के अंदर पहुँच कर अपने चरण रज से अहिल्या का उद्धार किया I
उक्त बातों को विकास खंड कप्तानगंज के ग्राम सभा सोमली में आयोजित विष्णु महायज्ञ में अयोध्या से आई हुई कथा वाचिका कंचन किशोरी ने श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए महायज्ञ के चौथे दिन 21 फरवरी शुक्रवार को अहिल्या उद्धार प्रसंग के दौरान कही I आगे इन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण के साथ जब आश्रम में पहुँचे तो राम ने अपने गुरु विश्वामित्र से आश्रम के अंदर स्थित पत्थल के विषय में पूछा I तो विश्वामित्र ने बताया कि यह पत्थल के रूप में गौतम ऋषि की नारी अहिल्या हैं I जो अपने पति के श्राप से पत्थल बनी हुई हैं I उस समय राम ने पत्थल रुपी अहिल्या को तारने का विचार को अपने अंदर ला कर मन ही मन में सोच रहे हैं I कि हमारे सूर्य बंश में तो नारी को पैर से छुना ही मना है I उस समय भगवान राम को दुबिधा में फसे हुए पवन देव ने देखा और अपने हवा के झोंकों से श्रीराम के चरणों की धूल को पत्थल पर डाल दिया I चरण रज को पाते ही पत्थल से नारी के रुप में अहिल्या प्रगट हो गई I अहिल्या को प्रकट होते ही वहां पर देवतागण पहुँच गए I और भगवान राम का गुणगान करने लगे I महायज्ञ में दिन में विद्वानों द्वारा प्रवचन के जरिए श्रद्धालुओं को कथा का जहाँ रसपान कराया जा रहा है I वहीं रात्रिकालीन समय में रामलीला मंडली द्वारा राम रावण के लीलाओं का भी मंचन किया जा रहा है I दिन में प्रवचन और रात में रामलीला का आनंद लेते हुए श्रद्धालु भावविभोर हो रहे हैं I
इस दौरान प्रधान त्रियुगी पटेल, अप्पू शुक्ला, प्रवीण यादव, जोखन सिंह, विष्णु पटेल, अनूप कन्नौजिया, मनीष सिंह, विपिन सिंह, दिलीप सिंह, अर्जुन धारिया, जयप्रकाश, करन सिंह, व श्रद्धालु महिलाओं सहित ग्रामीण उपस्थित रहे I
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