कुशीनगर। कभी-कभी एक तस्वीर औपचारिक बयानों से कहीं ज़्यादा गहरा संदेश दे जाती है। ऐसी ही एक तस्वीर इन दिनों कुशीनगर में लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसमें जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर और शमशाद उर्फ़ बौना भाई (पूर्व जिला पंचायत सदस्य) साथ दिखाई दे रहे हैं। इस तस्वीर में सबसे ज़्यादा जो नज़र आता है, वह है संवेदनशीलता, सम्मान और बराबरी का भाव।
तस्वीर में साफ़ देखा जा सकता है कि डीएम महेंद्र सिंह तंवर किसी कुर्सी, मंच या ऊँचे स्थान पर नहीं बैठे हैं, बल्कि ज़मीन पर बैठकर शमशाद भाई के साथ फोटो खिंचवाई है। यह दृश्य किसी औपचारिकता का हिस्सा नहीं, बल्कि एक मानवीय सोच का प्रतीक है—जहाँ पद की ऊँचाई से ज़्यादा इंसान की बराबरी को महत्व दिया गया।
यह मुलाक़ात किसी कार्यालय के भीतर नहीं, बल्कि चलते-जाते रास्ते पर हुई। पास में खड़ी डीएम साहब की सरकारी गाड़ी यह संकेत देती है कि व्यस्त प्रशासनिक दिनचर्या के बावजूद उन्होंने रुककर समय निकाला और सामने वाले को पूरा सम्मान दिया। यही वजह है कि यह दृश्य आम लोगों के दिलों को छू गया।
इस एक तस्वीर में यह साफ़ संदेश झलकता है कि प्रशासन केवल आदेश और फाइलों तक सीमित नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और संवाद से भी चलता है। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर का यह ज़मीनी अंदाज़ बताता है कि जब अधिकारी खुद को आमजन के बराबर खड़ा करता है, तभी विश्वास और सम्मान की नींव मज़बूत होती है।
कुशीनगर में यह तस्वीर अब केवल एक फोटो नहीं रही, बल्कि प्रशासन और जनता के बीच मानवीय संबंधों की एक मिसाल बन गई है। पद बड़ा हो सकता है, गाड़ी बड़ी हो सकती है, लेकिन इंसान की असली पहचान उसके व्यवहार से होती है—और इस तस्वीर में वही सच्चाई साफ़ दिखाई देती है।
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