Reported By: सुनील नीलम
Published on: May 10, 2023 | 8:39 PM
417
लोगों ने इस खबर को पढ़ा.
कुशीनगर। तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत पगरा बसंतपुर के ब्रह्म स्थान पर आयोजित नौ दिवसीय रामकथा अमृतवर्षा व अखंड हरिकीर्तन के चौथे दिन मंगलवार की रात्रि कथावाचिका सत्यामणि त्रिपाठी ने श्रद्धालुओं को ताड़का वध प्रसंग सुनाया।
कथावाचिका ने कहा कि राम लक्ष्मण, भरत एवं शत्रुघ्न चारों राजकुमार अपनी शिक्षा पूरी करके अयोध्या लौटते हैं तो उनके पराक्रम की चर्चा सभी जगह पर हो गई। उसी दौरान कुछ हिस्सों में राक्षसी राज होने के कारण जन मानुस बहुत दुखी एवं प्रताड़ित था तब सभी मुनि मिलकर इस समस्या के निवारण के लिए एक उपाय सोचते हैं व अयोध्या जाकर अयोध्या नंदन को इस दुविधा के अंत के लिए बुलाना तय करते हैं। कथावाचक महाराज जी ने कहा कि अयोध्या पहुंच कर विश्वामित्र जी ने सारी स्थिति राजा दशरथ को स्पष्ट की और प्रभु राम को उनके साथ भेजने का आग्रह किया तो राजा दशरथ जनकल्याण के लिए सहर्ष ही प्रभु राम को जाने की अनुमति दे देते है तो विश्वामित्र जी की आज्ञा पाकर प्रभु श्री राम राक्षसी ताड़का का वध कर उसका उद्धार करते हैं। कहा कि जब-जब प्रभु इस धरा पर अवतार धारण करते है तो समस्त मानव जाति का कल्याण करते है।
इस दौरान मुख्य यजमान राजकिशोर गोड़, गिरजाशंकर, विश्वामित्र के साथ वन गमन तड़का बध। इस दौरान रामदास सिंह,गुड्ड गोड़, सिकंदर, विशाल कुशवाहा, रामाश्रय, नगनरायन सिंह, महातम कुशवाहा, अनिरुद्ध सिंह, सुदामा गुप्ता, मुन्ना सिंह, आनन्द सिंह, छोटे सिंह, अमरनाथ प्रजापति, ओमप्रकाश गुप्ता, अशोक गुप्ता, कलावती देवी, रंभा देवी, सीमा देवी, विमलादेवी, रागनी देवी, शीला देवी, सरोज देवी, सुष्मिता कुमारी आदि मौजूद रहे।
Topics: तमकुहीराज