Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Nov 3, 2022 | 9:10 AM
790
लोगों ने इस खबर को पढ़ा.
Tulsi Vivah 2022: इस साल हर तीज त्योहार की तारीख को लेकर काफी असमंजस की स्थिति रही है। ऐसे ही देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह को लेकर भी हो रहा है। लेकिन इस बार दोनों अलग-अलग दिन मनाया जाएगा। देवउठनी एकादशी का व्रत जहां 4 नवंबर को रखा जाएगा वहीं 5 नवंबर को माता तुलसी विवाह कराया जाएगा। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शालिग्राम के साथ तुलसी जी का विवाह संपन्न कराया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, माता तुलसी को भगवान हरी की पटरानी भी कहा जाता है।
तुलसी विवाह के दिन माता तुलसी, भगवान शालिग्राम का दूल्हा और दुल्हन की तरह श्रृंगार किया जाता है। बता दें कि शालिग्राम भगवान विष्णु का ही अवतार है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जो भी लोग पूरे विधि विधान के साथ शालीग्राम और तुलसी जी का विवाह संपन्न कराता है उसका दांपत्य जीवन सुखमय बना रहता है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में आ रही हर संकट दूर हो जाती है। मान्यता यह भी है कि एकादशी के दिन माता तुलसी की पूजा करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर की प्राप्ति होती है और जल्द ही विवाह के बंधन में बंध जाती हैं। तुलसी विवाह करने से पति पत्नी के बीच प्यार बना रहता है और हर तरह की दिक्कतें दूर हो जाती हैं।
भगवान नारायण को तुलसी अति प्रिय है, इसलिए उनकी पूजा और भोग तुलसी पत्ते के बिना अधूरा माना जाता है। वहीं कहते हैं कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है उस घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है और वहां हमेशा खुशाहली बनी रहती है।