उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में ददरी घाट पर आम दिनों की तरह लोगों की आवाजाही थी। गंगा नदी में मछुआरे पहले की दिनों की तरह ही नाव चला रहे थे। लेकिन मंगलवार को नजारा कुछ अलग था। एक नाविक अपनी नाव को खे रहा था कि उसे किसी रोते हुए नवजात की रोने की आवाज सुनाई दी। वो हैरान था कि आखिर कौन सा बच्चा रो रहा है क्योंकि घाट पर उसे कोई बच्चा नहीं दिखाई दे रहा था। धीरे धीरे जब वो रोने वाली आवाज की तरफ बढ़ा तो उसे एक बक्सा दिखाई दिया जिसमें से आवाज आ रही थी।
गाजीपुर जिले में गंगा नदी में लकड़ी के बक्से में एक नवजात बच्ची के मामले में यूपी सरकार का कहना है कि वो खुद देखभाल करेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नाविक द्वारा बालिका को बचाना मानवता का अनुपम उदाहरण है। प्रदेश सरकार उन्हें धन्यवाद ज्ञापित की करते हुए आवास की सुविधा देगी। इसके अलावा, अन्य पात्र योजनाओं से भी उसे तत्काल लाभान्वित कराया जाए।
नाविक ने उस बक्से को खोला तो दंग रह गया। उसमें एक नवजात बच्ची थी और उसके पास उसकी फोटो और कुंडली थी। कुंडली पर उसका नाम गंगा लिखा था। देखते ही देखते लोग जुट गए और कानाफूसी का दौर शुरू हो गया कि आखिर यह बच्ची किसकी और कहां से आई होगी। कुंडली में उसकी उम्र से पता चला वो महज तीन हफ्ते पैदा हुई थी।
नाविक गुल्लू चौधरी ने पुलिस को बताया कि मंगलवार शाम उन्हें नदी के किनारे लकड़ी का बॉक्स मिला। उसमें से रोने की आवाज आ रही थी। यूपी के गाजीपुर जिले में गंगा नदी में एक नवजात बच्ची बहते बक्से में मिली है। ग्रामीणों को जब ये बक्सा मिला तो हैरान रह गए। बक्से के अंदर रोती हुई नवजात बच्ची मिली और वो बिल्कुल सुरक्षित थी। बच्ची के साथ बक्से में देवी-देवताओं की फोटो और कुंडली थी।
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