Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Nov 6, 2021 | 9:30 PM
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साखोपार/कुशीनगर। पडरौना विकास खण्ड के गांव सखवनिया खुर्द निवासी राधेश्याम निषाद जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।बीमारी और मुफलिसी ने उसको मौत के मुहाने तक पहुँचा दिया है।अब उसे लोगों से मदद की दरकार है।
ज्ञात हो कि उक्त गांव निवासी राधेश्याम निषाद 14 वर्षो से मुख कैंसर से पीड़ित है।विगत 12 वर्षो तक उसने अपने कमाई के बदौलत अपना इलाज कराता रहा लेकिन पिछले 2 वर्षों से कमाई के अभाव में ईलाज न करा पाने के कारण मुख कैंसर अब अंतिम पायदान पर पहुँच चुका है।पीड़ित के अनुसार डॉक्टरों का कहना है कि अगर जल्द आपरेशन नहीं हुआ तो मौत हो सकती है।राधेश्याम निषाद जब स्वस्थ था तो वह ईट भट्ठे पर ईंट पकाने का कार्य करता था और अपने परिवार का भरण पोषण करता था।तथा उसी कमाई के कुछ हिस्सो को जमा कर मकान बनवाया जो इस समय उसके कुनबे का आशियाना है।लेकिन सरकारी सुविधाओं से मरहूम व भूमिहीन मुख कैंसर पीड़ित राधेश्याम निषाद अपने गरीबी व मुफलिसी के कारण मौत के मुहाने तक पहुँच चुका है।सरकारी सुविधाओं के नाम पर ना ही राशन कार्ड है,ना ही आयुष्मान कार्ड है,ना ही भूमिहीन होने के बावजूद पट्टे की भूमि ही आवंटित हुई है जिससे कि वह खेती कर अपना भरण पोषण कर सके।पीड़ित के परिवार में पत्नी सहित पांच बेटियां हैं,किसी तरह पत्नी मजदूरी करके सात लोगो का भरण पोषण कर रही है।ऐसे में पत्नी मीना देवी ने बताया कि परिवार में कोई कमाने वाला सदस्य नहीं है किसी तरह से मजदूरी करके अपना व अपने परिवार का पेट भर रही हूं।गोरखपुर के डॉक्टरों ने कहा है कि जल्द ही आपरेशन नहीं हुआ तो इनकी मौत हो सकती है।सोमवार को डॉक्टरों ने पैसों का इंतजाम करके हॉस्पिटल आने की बात कही है,अब ऐसे में हमें लोगों के मदद की ही दरकार है ।