Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Nov 9, 2021 | 6:39 PM
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कसया/कुशीनगर । बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर मे बौद्ध गुरु भदन्त ज्ञानेश्वर के 86 वें जन्म दिवस पर महा परित्राण पाठ का शुभारम्भ किया गया हैं जिसका शुभारम्भ स्थानीय विधायक द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया l
म्यांमार बुद्ध बिहार के प्रमुख व अग्ग महापंडित भदन्त एबी ज्ञानेश्वर के 86 वें जन्म दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटका पाठ, महा परित्राण पाठ का शुभारम्भ विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
आयोजित कार्यक्रम में विधायक श्री मणि ने कहा कि भगवान बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति से लेकर निर्वाण व उनकी शिक्षाएं त्रिपिटक में संग्रहित हैं। भगवान बुद्ध ने विश्व को दया, करुणा, मैत्री व शांति का उपदेश दिया। सूत्रपाठ का शुभारम्भ भन्ते नन्द रतन के साथ भिक्षुओं ने किया। बौद्ध धर्म के मूल तत्व है- चार आर्य सत्य, आष्टांगिक मार्ग, प्रतीत्यसमुत्पाद, अव्याकृत प्रश्नों पर बुद्ध का मौन, बुद्ध कथाएँ, अनात्मवाद और निर्वाण। बुद्ध ने अपने उपदेश पालि भाषा में दिए, जो त्रिपिटकों में संकलित हैं। भिक्षुओं ने बताया कि त्रिपिटक के तीन भाग, विनयपिटक, सुत्तपिटक और अभिधम्मपिटक। उक्त पिटकों के अंतर्गत उप-ग्रंथों की विशाल श्रृंखलाएँ है। सुत्तपिटक के पाँच भाग में से एक खुद्दक निकाय की पंद्रह रचनाओं में से एक है धम्मपद। धम्मपद ज्यादा प्रचलित है। बौद्ध दर्शन तीन मूल सिद्धांत पर आधारित माना गया है।अनीश्वरवाद, अनात्मवाद, क्षणिकवाद है। यह दर्शन पूरी तरह से यथार्थ में जीने की शिक्षा देता है। भन्ते ज्ञानेश्वर के तीन दिन चलने वाले जन्मदिन समारोह का 10 नवम्बर को जिलाधिकारी कुशीनगर द्वारा समापन किया जाएगा। उसी दिन समारोह में पूर्व डीएम देवरिया और मुख्य चुनाव आयुक्त उत्तर प्रदेश मंनोज कुमार, डीएम अन्द्रा वामसी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को उनके कुशीनगर के विकास में विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन तारित किशोर राय ने किया। इस दौरान भन्ते महेंद्र, भन्ते अशोक, भन्ते सागर, भन्ते शीलप्रकाश, भन्ते मुलायम, भन्ते चंदिमा सहित भिक्षु व उपासक मौजूद रहे।
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