Reported By: सुनील नीलम
Published on: May 11, 2023 | 5:30 PM
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तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत पगरा बसंतपुर के ब्रह्म स्थान पर आयोजित नौ दिवसीय रामकथा अमृतवर्षा व अखंड हरिकीर्तन के पांचवे दिन बुधवार की रात्रि कथावाचिका सत्यामणि त्रिपाठी ने श्रद्धालुओं को पुष्प वाटिका प्रसंग सुनाया।
कथावाचिका ने बताया कि जब राम और लक्ष्मण गुरु विश्वामित्र के साथ जनकपुर पहुंचे तो राजा जनक ने उन्हें सम्मान के साथ जनकपुरी में ठहराया। गुरु विश्वामित्र के पूजन के लिए जब राम और लक्ष्मण पुष्प वाटिका पहुंचे तो किस तरह राम और सीता ने मर्यादा का पालन करते हुए एक दूसरे को देखा था।
व्यास ने कहा कि राम छोटे भाई से बातें कर रहे हैं, लेकिन सीता के रूप में लुभाया हुआ उनका मन सीता के कमल जैसे मुख की मकरंद रूपी छवि को भौंरे की तरह पी रहा है। उधर, माता सीता की सखियों ने लता की आड़ में सांवले और गोरे सुंदर कुमारों को दिखलाया। उनके रूप को देखकर नेत्र ललचा उठे। रामचंद्र की छवि देखकर नेत्र निश्चल हो गए। पलकों ने भी गिरना छोड़ दिया। अधिक स्नेह से देह की सुध-बुध जाती रही। मानो शरद् ऋतु के चंद्रमा को चकोरी देख रही हो। उन्होंने भक्तों को बताया कि परिस्थितियां कैसी भी रही हों, लेकिन प्रभु श्रीराम ने हमेशा मर्यादा का ही पालन किया है।
Topics: तमकुहीराज