Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Oct 28, 2020 | 1:36 PM
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नेशनल एलीजीबिलिटी इंट्रेंस एक्जामिनेशन-2020 (NEET-2020) में पूरे अंक पाने वाली कुशीनगर (Kushinagar) के अभिनायकपुर की आकांक्षा सिंह (Akanksha Singh) को बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सम्मानित किया. लखनऊ में सीएम आवास पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षा की एमबीबीएस (यूजी) की पढ़ाई का पूरा खर्चा (प्रवेश, हॉस्टल, मेस आदि) राज्य सरकार उठाएगी. भविष्य में कोई दिक्तत न हो इसके लिए पूरी रकम एकमुश्त दी जाएगी. यही नहीं योगी सरकार आकांक्षा को नीट का संयुक्त टॉपर घोषित करने के लिए पत्र भी लिखेगी.
बुधवार को टॉपर बिटिया को सम्मानित करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों खास कर बालिकाओं के लिए आकांक्षा रोल मॉडल हैं. लोग उनसे प्रेरणा लेंगे. अगर उनके गांव तक सड़क नहीं होगी तो उसको सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि अति पिछड़े जिले से होने के बावजूद आकांक्षा ने सफलता का जो कीर्तिमान रचा है वह उनकी मेहनत, लगन, जज्बे और जुनून का सबूत है. साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों खासकर बच्चियों के लिए प्रेरक भी.
सीएम ने कहा कि हमने नवरात्र के दिन सरकार ने बहू-बेटियों के सम्मान, शक्तिकरण और स्वावलंबन के लिए जो कदम उठाया है, उसके लिए भी आकांक्षा खुद में रोल मॉडल हैं. इस सफलता के लिए पूरे परिवार को मेरी शुभकामनाएं. मुझे पूरा भरोसा है कि आकांक्षा सफलता के इस सिलसिले को जारी रखेंगी. सरकार आकांक्षा को संयुक्त टॉपर घोषित करने के लिए नीट को पत्र भी लिखेगी.
इसलिए आकांक्षा हुई सेकेंड टॉपर
दरअसल NEET-2020 की परीक्षा में ओडिशा के राउरकेला के रहने वाले शोएब आफताब और यूपी की आकांक्षा सिंह ने फुल मार्क्स यानि 720 नंबर स्कोर किए. लेकिन उम्र के नियम के आधार पर शोएब को पहला रैंक मिला और आकांक्षा को दूसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा. दरअसल आकांक्षा 17 साल की हैं जबकि शोएब की उम्र 18 साल है. जब दो स्टूडेंट्स के सेम नंबर आते हैं तो ज्यादा उम्र के आधार पर रैंकिंग तय की जाती है.
आपकी तो लॉटरी लग गई
मुख्यमंत्री को आकांक्षा के पिता राजेंद्र राव ने बताया कि वह एअरफोर्स से सेवानिवृत्त हैं, पर हाल ही उनको प्रदेश सरकार में शिक्षक की नौकरी भी मिल गई. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी तो लॉटरी लग गई. बिटिया का सलेक्सन, पत्नी (रूचि सिंह) भी शिक्षक, आपकी तो लॉटरी ही लग गई. पति-पत्नी दोनों लोग पूरे मनोयोग से पढ़ाएं. पूर्व एयरफोर्स कर्मी होने के नाते मैं चाहूंगा कि आप पूर्वांचल के बच्चों को सेना में जाने के लिए भी प्रेरित करें. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आकांक्षा और उनके छोटे भाई अमृतांश को टैबलेट, माता-पिता को शॉल देकर सम्मानित किया.
मेरे लिए यह सपना साकार होने जैसा: आकांक्षा
आकांक्षा ने कहा कि मेरे लिए यह सपना साकार होने जैसा है. हम पूर्वांचल के हैं. बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमारे लिए श्रद्धेय हैं. स्वाभाविक है कि उनसे मिलने की दिली तमन्ना थी. इस तमन्ना के पूरी होने पर जो खुशी हो रही है, उसे शब्दों में नहीं बया कर सकती.
हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क भी जरूरी
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे साथियों से आकांक्षा ने सफलता के मूल मंत्र भी शेयर किए. आकांक्षा ने कहा कि लक्ष्य ऊंचा रखें. इसे हासिल करने के लिए रणनीति बनाकर प्रयास करें. हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क भी सफलता के लिए जरूरी है. असफलता से हताश न हों. उसकी वजह तलाशें और लक्ष्य हासिल करने के लिए फिर से जी-जान से जुट जाएं.
न्यूरो सर्जरी में शोध करने की इच्छा
आकांक्षा शुरू से ही मेधावी रहीं हैं. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की शिक्षा उन्होंने नवजीवन मिशन स्कूल कसया और दिल्ली के प्रगति पब्लिक स्कूल से हासिल की है. इन दोनों परीक्षाओं में उनके नंबर क्रमश: 97.6 और 96.4 फीसद रहे. पहले ही प्रयास में उन्होंने नीट जैसी सम्मानित देश स्तरीय परीक्षा में फुल मार्क्स हासिल किए. एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करने के बाद उनकी इच्छा न्यूरो सर्जरी में शोध करने की है. कार्यक्रम में सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव आरके तिवारी समेत शासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
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