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कुशीनगर: बिहार विधान सभा चुनाव के लिये, नदी, पगड़न्ड़ी के रास्ते बिहार भेजा जा रहा है, शराब की खेप!

Surendra nath Dwivedi

Reported By:
Published on: Oct 27, 2020 | 4:21 PM
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कुशीनगर: बिहार विधान सभा चुनाव के लिये, नदी, पगड़न्ड़ी के रास्ते बिहार भेजा जा रहा है, शराब की खेप!
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  • चुनावी मौसम में यूपी-बिहार सीमा पर शराब माफियाओं की सरगर्मी तेज
  • बिहार विधान सभा चुनाव के लिये, नदी, पगड़न्ड़ी के रास्ते बिहार भेजा जा रहा है, शराब की खेप
  • हर हाल में शराब तस्करी रोकने का निर्देश:विनोद कुमार सिंह,एसएसपी

कुशीनगर । विधान सभा चुनाव बिहार में हो रहे हैं लेकिन सक्रियता उत्तर प्रदेश में बढी हुई है। शराब तस्करों के सौदागरों के अचानक ‘ अच्छे दिन आ गए’ हैं। बिहार में शराब की मांग तेज हुई तो यूपी के शराब माफिया मौके का फायदा उठाने के लिए मैदान में कूद पडे़। यूपी-बिहार सीमा से सटे कुशीनगर व देवरिया जिलों में शराब तस्करों की खेप कभी पकड़ी जाती है तो कभी पुलिस गच्चा खा जाती है तो ‘माल’ अपने ठिकाने पर पहुंच जाता है। नदी व पगडंडी के रास्ते बिहार में शराब भेजी जा रही है।इस बात की भनक यूपी पुलिस को भी है। इसीलिए कुशीनगर, देवरिया जिलों में सीमा के थानों पर चैकसी बढ़ी हुई हैं। पगडंडी पर पुलिस पिकेट लगाकर बिहार जाने वाले सभी वाहनों के साथ ही संदिग्ध व्यक्ति की तलाशी की जाती है ,लेकिन इससे अवैध कारोबारियों के हौसले पस्त नहीं हुए हैं। इन दिनों भी पुलिस ने सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में चुनाव के लिए सतर्कता बढ़ा दी है, फिर भी यह खेल शुरू ही है।
यूपी-बिहार सीमा के दोनों तरफ विभिन्न हिस्सों से अवैध कारोबारियों की गिरफ्तारी और शराब की बरामदगी हर दिन होती रही है, लेकिन तैयार बाजार और आदतन अपराधियों के कारण शराब की आमद जारी है। पिछले साल शराबबंदी के बीच बिहार में पहले लोकसभा चुनाव के दौरान सख्ती से शराब की बरामदगी में महत्वपूर्ण गिरावट आई थी, हालांकि सात चरणों के दौरान नियमित रूप से शराब तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई थी। कई जगह तो पुलिस भी आंख मुंदे रहती है। शराब के तस्कर घटिया माल से चीजें बना रहे हैं,जो जानलेवा और खतरनाक भी है। बताते चलें कि बिहार में शराब बंदी है। इसलिए यहां के पियक्कड़ों को अन्य राज्यों से आने वाली दारू के सहारे रहना पड़ता है,जो अक्सर जानलेवा भी साबित हो जाती है।

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अंतरराज्यीय सीमा से सटे सीमांचल के इलाकों में शराबखोरी पर रोक लगाना उत्पाद विभाग एवं स्थानीय पुलिस के लिए भी चुनौती बना है। कार्रवाई एवं सख्ती बरते जाने के बाद भी शराब तस्करी एवं शराब पीने के मामले सामने आ रहे हैं। विभाग द्वारा गिरफ्तारी एवं बरामदगी के आंकड़ों पर उपलब्धि का मूल्यांकन किया जाता है?लेकिन, तमाम कोशिशों के बाद भी शराब की खेप यूपी से पहुंच रही है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के एक अधिकारी ने कहा कि निगरानी बढ़ने के कारण, तस्करों ने अपने काम करने के तौर-तरीके बदल दिए हैं। तस्कर अब छोटी-छोटी मात्रा में शराब की तस्करी कर रहे हैं, जिसे पता लगाने में परेशानी हो रही है।

बहरहाल, उत्तर प्रदेश में नकली शराब बनाने वालों के सिंडिकेट की कमर तोड़ने के लिए योगी सरकार की सक्रियता से शराब माफिया खुल कर अपना धंधा नहीं चला पा रहे हैं। योगी सरकार का आए दिन जहरीली शराब पीकर मौतों की घटनाओं से पारा चढ़ा हुआ है। यह देखते हुए पुलिस ने अवैध शराब के धंधे पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पिछले एक माह में कुशीनगर जनपद मे काफी अवैध शराब बरामद हो चुकी है। दरअसल, चुनाव चाहें लोकसभा के हों या फिर विधान सभा या पंचायत के सभी चुनावों की तारीख ज्यों जो करीब आती जाती है त्यों तो प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए शराब बांटने का सिलसिला तेज होता जाता है। दशकों से इस बुराई से मुक्ति नहीं मिल सकी है।

अनके मतदाताओं को मुफ्त में शराब मिलती है उम्मीदवार भी सस्ती से सस्ती और घाटिया से घाटिया शराब परोसने से नहीं हिचकते। इसलिए इन दिनों न केवल अन्य राज्यों से अवैध शराब की तस्करी बढ़ गई है, बल्कि मिलवाटी, जहरीली, कच्ची और देशी शराब का कारोबार करने वाले भी सकिय हो उठे हैं। यह कानून व्यवस्था के लिए भी बहुत बड़ी चुनौती है। अवैध रूप से बनाई जा रही है, इस पर पुलिस शिकंजा कस रही है, लेकिन अन्य राज्यों से शराब की तस्करी कैसे होती है।यह सवाल मुसीबत का शबब बना हुआ है। पहली बात तो यह कि शराब फैक्ट्री में कम से कम एक आबकारी अधिकारी नियुक्त होता है, जिसका काम ही यह देखना होता है कि अवैध रूप से फैक्ट्री से निकली शराब न जा सके।

इसके बाद भी यूपी में हरियाणा से तो बिहार में यूपी से आई शराब धड़ल्ले से बिकती मिल जाती है। इसी प्रकार से कुछ अन्य राज्यों में बनी शराब की धड़ल्ले से तस्करी होती है। चूंकि अवैध रूप से फैक्ट्री से निकली शराब पर आबकारी शुल्क नहीं लगता, इसलिए यह अपेक्षाकृत सस्ती पड़ती है इसी की आड़ में निकली, मिलावटी और जहरीली शराब भी बिकती है। आश्चर्य की बात यह है कि कई चेकपोस्ट पार कर भी शराब प्रदेश में न केवल अपने गंतव्य तक पहुँच जाती है, बल्कि सीमा पार कर अन्य राज्यों तक भी चली जाती है। कुछ भ्रष्ट सरकारी अफसरों और कर्मचारियों की बदौलत ही यह सब कुछ संभव शिकंजा कसना पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि इस करोबार को शह देने वाले भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों की भी पहचान करनी होगी, तभी शिकंजा कसने का वास्तविक लाभ मिल सकेगा। वर्ना सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा।

हर हाल में शराब तस्करी रोकने का निर्देश: एसएसपी, कुशीनगर

इस बावत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुशीनगर विनोद कुमार सिंह ने एक बात -चीत के दौरान कहा की शराब तस्करी पर पूरी तरह अंकुश कायम करने के लिये सभी क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही तस्करी से जुड़े लोगों व मार्गो को चिन्हित करते हुये उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की अभियान चलाया जाय।

Topics: कुशीनगर पुलिस

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