Reported By: Surendra nath Dwivedi
Published on: Aug 20, 2025 | 6:33 PM
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गोरखपुर । स्थानीय परिवहन विभाग द्वारा वाहन स्वामियों के साथ भेदभाव का मामला अब जांच के रूप में एक माह बाद पटल पर आया है। शिकायतकर्ता द्वारा लगातार की जा रही शिकायत के मद्दे नजर उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र द्वारा चार सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है,जो शिकायतकर्ता की शिकायत की जांच करेगी। शिकायतकर्ता कुशीनगर जिले के तमकुहीराज थाना क्षेत्र के निवासी मृत्यंजय ठाकुर हैं।
जानिए पूरा मामला:
गोरखपुर संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में कामर्शियल लोडेड गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में भेदभाव का मामला सामने आया है. जिला कुशीनगर के बसडीला बुर्जुग गांव के रहने वाले मृत्युंजय ठाकुर ने एआरटीओ से की गई शिकायत में कहा है कि आरटीओ में चुनिंदा वाहनों
को लाभ पहुंचाने के लिए स्वीकृत लोड पर परमिट दे दिया गया है. लेकिन उनके वाहन का जानबूझकर परमिट नहीं दिया जा रहा है. मृत्युंजय ने बताया कि सम्भागीय निरीक्षक के द्वारा जानबूझकर उनके वाहन का परिमट रोका जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री परिवाहन आयुक्त और परिवहन मंत्री को संलग्न पत्र लिखकर न्याय पाने की गुहार लगाई है.
पीड़ित ने लगाई प्रमुख सचिव से गुहार..!!
प्रमुख सचिव को अपनी पीड़ा बताते हुए मृत्यंजय ने उनसे गुहार लगाते हुए एक आवेदन दिया है कि भ्रष्ट लोक सेवक के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 को धारा-13 के संगत प्रावधानों के अन्तर्गत पदीय दुरुपयोग हेतु शस्ति अधिरोपित करते हुये उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही कराये जाने तथा आरटीओ गोरखपुर रामवृक्ष सोनकर, ए. आर. टीओ गोरखपुर अरुण कुमार व ए. आर.टी.ओ. देवरिया आशुतोष शुक्ला अपने पदीय दुरुपयोग कर एक लोक सेवक के रहते अपराधिक अवचार किया जाना आदि की बात कही है।
शिकायतकर्ता मृत्युंजय ठाकुर बोले..!!
उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र भीमसेन सिंह ने जो जांच के लिए चार सदस्यीय टीम बनाई हैं उसमें चारो सक्षम अधिकारी गोरखपुर परिवहन कार्यालय में ही कार्यरत हैं। और पूर्व में उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र भी गोरखपुर परिवहन विभाग में सेवा दे चुके हैं। जिससे हम शिकायतकर्ता को निष्पक्ष जांच होने में आंच लग रही हैं। और हमे न्याय की उम्मीद नहीं के बराबर है। ऐसे मेरा एक बार फिर वरीय अधिकारियों से मांग है कि उपरोक्त मामले की जांच उच्चस्तरीय कराने की कृपा प्रदान किए जाए।
बहरहाल जो भी हो अभी भी पूरा मामला की जांच संदिग्ध हीं नजर आ रही है और यह कहावत चरितार्थ हो रहा है कि “मास की गठरी कुत्ता रखवाला..!”
Topics: अड्डा ब्रेकिंग सरकारी योजना