Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Jul 24, 2021 | 6:01 PM
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तमकुहीराज/कुशीनगर। छात्र जीवन में गुरु पूर्णिमा का काफी खास महत्व है। हमारी संस्कृति में गुरु को गोविंद से भी बड़ा कहा गया है।
स्वामी दिव्य सागर जी महाराज ने कहा कि हमारे पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। गुरुजनों का हमारे जीवन में काफी महत्वपूर्ण योगदान होता है। गुरु ही हमें सन्मार्ग की लेकर जाते हैं। गुरु के बिना हमारा जीवन अर्थहीन हो जाता है। उनकी कृपा दृष्टि पाकर हमारे जीवन से अज्ञान का खत्म हो जाता है। गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु एवं शिष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता हैं आज के दिन गुरु द्वारा दिया गया आशीर्वाद, सूत्र, भक्ति और संस्कार शिष्य के जीवन में उतरता हैं। कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ शिक्षक केडी सिंह कुशवाहा ने गुरु की महत्ता को बताते हुए बताया कि गुरु वह नहीं जो शिक्षार्थी को समाधान बताये जिज्ञासा शांत करे। पवन कुशवाह ने कहा कि गुरु वह है जो नई चुनौतियों से लड़ने के लिए विद्यार्थीयों प्रेरित करें और सवाल करना सिखाये। कहना सिखाये, तर्क करना सिखाये। जो सन्देह करना सिखाये जो तथाकथित धार्मिक व सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करना सिखाये और किताबी शिक्षा के इतर भी आपको ले जाये। जो ऐसा कर सके वैसे सभी गुरुजनों का जीवन वन्दनीय होता हैं। इस दौरान जेपी गुप्ता संस्थाध्यक्ष तबला वादक आयुष श्रीवास्तव और केंद्र व्यवस्थापक ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। जबकि कार्यक्रम का संचालन राधेश्याम त्यागी ने किया कार्यक्रम में हरिकेश हरि, शेरू मल्लिक, हरिलाल कुशवाहा, दिलीप गोंड, रणजीत शास्वत, किरण आर्य व मुकेश गुप्ता आदि मौजूद रहे ।
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