Reported By: Surendra nath Dwivedi
Published on: Nov 12, 2022 | 3:57 PM
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कुशीनगर । जी! बहुत ही पहले से यह सुनाता आया जा है की, बाप बड़ा ना भईया सबसे बड़ा रुपयीया। यह वाक्य जिले के पुलिस चौकी तिनफेडिया के प्रभारी पर सटीक बैठ रहा है। पुलिस चौकी की स्थापना वर्षो पहले हुई थी, लेकिन चौकी प्रभारी का प्रभार उप निरीक्षकों को कुछ समय पहले से ही मिलने लगा है। लेकिन क्षेत्र वासियों का दुर्भाग्य ही है की चौकी प्रभारी बहुत ही पोस्ट हुए,लेकिन किसी ने भी रात्रि विश्राम यहां नहीं किया,कारण जो भी हो? लेकिन वर्तमान साहब को यहां रुकना पसंद नहीं हैं।
यहां तैनात प्रभारियों ने बेरुखी दिखाया जिससे अवैध कारोबारियों का जलवा ही जलवा रहा ,तो वहीं अधिनस्थों ने भी जम कर मलाई काटी है। यहा बताना लाजमी होगा की जब भी तिनफेडिया चौकी की कमान किसी को सौंपी गयी प्रभारियों ने अपना ठिकाना या तो थाने को बनाया या दूर दराज नीजी आवास को। जिसका नतीजा यह रहा कि चटोरों की चांदी रही क्षेत्र भय और आतंक में रहा और तस्करों का बल्ले बल्ले रहा।
गौरतलब हो कि यहां तैनात पूर्व चौकी प्रभारी क्रमशः दिग्विजय सिंह, चतुर्भुज पाण्डेय, प्रदीप कुमार,संदीप सिंह,रविभूषण राय,अवधेश सिंह, मूलचंद,रमेश्वर यादव ,वर्तमान में निरंजन राय जितने भी नाम है। सभी ने अपना मूल निवास थाना ही रखा। जबकि बिहार बार्डर से सटा यह क्षेत्र शराब,पशु,बालू आदि के तस्करी के मामले में अति संवेदनशील माना जाता है। जिसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक कुशीनगर ने अपने स्तर से चतुर्भुज पाण्डेय के बाद दूसरी दफा निरंजन कुमार राय को चौकी कि कमान इस उम्मीद के साथ सौंपी है कि तस्करी और अवैध गतिविधियों पर विराम लग सके। पर कुछ मछलियां हैं जो तालाब को गन्दा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती दलालों का अड्डा बना चौकी को नये सिरे से श्रृजित करने की जरूरत है,अपने कारनामों से साख गवां रही पुलिस को हनक सुधारने की जरूरत है।
वर्तमान समय में पूरे तरयासुजान थाना क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती के रूप में तिनफेडिया चौकी क्षेत्र माना जा रहा है। हालांकि प्रभारी निरीक्षक तरयासुजान राजेंद्र कुमार सिंह के कुशल नेतृत्व ने कुछ अपराधिक तत्वों के जेल भेज ला एण्ड आर्डर को मैंटेन तो किया है पर वावजूद इसके बहुत से फुटकर अवैध गतिविधियों ने माहौल गंदा कर रखा है।बिहार से जुड़े अनगिनत रास्तों पर इमानदार पुलिसिंग की जरूरत है।
बहरहाल जागरूक लोगो के बातो पर अगर कान करे और माने तो यहां के चौकी के साहब को यह बैठना पसंद नहीं है,साहब रात को चौकी पर विश्राम तो करते नहीं,रात्रि गस्त को पूछिए मत। दिन के उजले में भी चौकी पर नहीं बैठते,फरियादियों को इनसे मिलने पाच किलो मीटर दूर थाना जाना पड़ता है। सबसे कबीले गौर मसला यह है की इनके इर्द -गिर्द उन कारोबारियों की फ़ौज रहती है,जिनको खाकी की भय होनी चाहिए,लेकिन एक बार फिर बाप बड़ा न भइया सबसे बड़ा!!
Topics: अड्डा ब्रेकिंग कुशीनगर पुलिस तरयासुजान