Reported By: Ved Prakash Mishra
Published on: Sep 3, 2023 | 4:14 PM
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हाटा/कुशीनगर। संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति का अमूल्य अंग है। इसके अध्ययन और प्रचार प्रसार से संस्कृत से अनभिज्ञ लोग भी इसको समझ सकते हैं।
उक्त बातें नगरपालिका अध्यक्ष रामानंद सिंह ने श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय के सभागार में आयोजित जनपदीय संस्कृत सप्ताह के समापन समारोह में उपस्थित छात्रों व आचार्य गण को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने इस कार्यक्रम को जन जन के लिए लाभकारी बताया और कहा कि आज इसके महत्व को समझते हुए इसके शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए जिम्मेदार लोगों को सराहनीय पहल करनी चाहिए। वक्ता के रूप में आचार्य नंदकिशोर द्विवेदी , आचार्य जयप्रकाश पाठक, आशुतोष मिश्र, आचार्य अच्युतानंद मिश्र आदि ने संस्कृत के महत्व पर प्रकाश डाला और सरकार द्वारा बढ़ाएं जा रहे मनोबल की सराहना भी किया। डा बशिष्ठ द्विवेदी ने सात दिन में सम्पन्न हुए कार्यक्रम का विस्तार से रिपोर्ट पटल पर रखा। नोडल अधिकारी संजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि संस्कृत पूरी तरह से वैज्ञानिक भाषा है और सभी भाषाओं की जननी है। इसके अध्ययन से हमारा चतुर्दिक विकास होगा इसमें कोई सन्देह नहीं है।
इस दौरान छात्र पवन तिवारी जागृति तिवारी जितेंद्र मिश्र रबि दूबे शुभम् दूबे ने संस्कृत भाषा में संगीताचार्य अमरजीत मिश्र के संगत में वाणी वंदना, स्वागत गीत प्रस्तुत किया।इस दौरान आचार्य आषुतोष त्रिपाठी रामप्रकाश यादव कुंदन तिवारी आचार्य दिवाकर पाण्डेय नंदकिशोर मिश्र विशेष कुमार,डा रामश्रृषि द्विवेदी सतीश चन्द्र शुक्ल, रामानुज द्विवेदी, शिवप्रसाद दूबे,गोदेनाथ तिवारी महेंद्र तिवारी कालिका दूबे , मिथिलेश चौरसिया,आदि उपस्थित रहे। संचालन मोहन पाण्डेय ने किया।
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