Reported By: Surendra nath Dwivedi
Published on: Nov 8, 2022 | 4:07 PM
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कुशीनगर । पुलिस अधीक्षक कुशीनगर धवल जायसवाल के निर्देशन में पुलिस कर्मियों को अपने कर्तव्यों के प्रति और अधिक सक्षम एवं सशक्त तथा उनके कार्य शैली में दक्षता उन्नयन के उद्देश्य से रिजर्व पुलिस लाइन कुशीनगर के सभागार में मंगलवार को “पुलिस की पाठशाला” प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें वर्ष 2015 के बाद भर्ती जनपद कुशीनगर में नियुक्त समस्त महिला/पुरुष आरक्षियों को सभी तरह के अनुसंधान एवं विभिन्न विषयों पर क्षेत्राधिकारी, प्रभारी निरीक्षक,थानाध्यक्षों एवं अन्य शाखा प्रभारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी क्रम में सर्व प्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ पुलिस अधीक्षक कुशीनगर धवल जयसवाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया तथा कार्यशाला की विषय वस्तु के बारे में विस्तार से बताया गया।
पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने उद्बोधन में प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्व और उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए महिला,पुरुष आरक्षियों के बौद्धिक विकास एवं मानसिक व शारीरिक कार्यक्षमता बढ़ाने के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास एवं प्रोफेशनल स्किल पर जोर देते हुये सशक्त एवं सक्षम बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों का उत्साहवर्धन करते हुए उनके मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने एवं अपने कार्यों में दक्षता लाने हेतु प्रशिक्षण के लिए शुभकामनाएं दीं। पुलिस कर्मचारियों को स्थिर प्रज्ञ होना चाहिए, जैसे रथ के पहिये के घूमने के बावजूद पहिये की धूरी कभी नहीं घूमती है वह हमेशा स्थिर रहती है, उसी तरह प्रत्येक पुलिसकर्मी का मन एवं भावना होनी चाहिए जो आसपास की उथल-पुथल के बावजूद स्थिर रह सकें, साथ ही अपना कार्य भावनात्मक ऊर्जा के साथ संपादित कर सकें।
तत्पश्चात अपर पुलिस अधीक्षक कुशीनगर द्वारा वीवीआईपी/वीआईपी एवं कानून व्यवस्था से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण ड्यूटियों के दौरान ड्यूटीरत कर्मियों के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया। इसके अतिरिक्त कार्यशाला में अपराधों में त्वरित कार्यवाही व इनमें वैज्ञानिक साक्ष्यों का उपयोग कर, विवेचना को और बेहतर व गुणात्मक तरीके का कर, अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के उद्देश्य से पुलिस कर्मियों की दक्षता उन्नयन, फोरेंसिक साक्ष्यों के महत्व एवं अनुसंधान में इनका उपयोग किस प्रकार किया जाए इसके संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियो द्वारा उपस्थित आरक्षियों को बताया गया कि, अपराधों में हर स्तर पर बारीकी से जांच होनी चाहिए, इसमें थोड़ी सी चूक भी अपराधी के बचाव में सहायक हो सकती है। सभी प्रकार के अपराधों एवं महिला अपराधों में फोरेंसिक साक्ष्य अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है अतः इन्हें सहेजने व अपराधों की विवेचना में इनका प्रयोग करने में पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए तथा जांच के दौरान सभी वैज्ञानिक पहलुओं का विशेष ध्यान रखना चाहिये तथा उन्हें अपराधों की जांच में साक्ष्यों का संकलन, घटना स्थल के निरीक्षण के समय ध्यान रखने वाली बारीकियों के बारे में बताया गया। साथ ही कई गंभीर प्रकरणों में डीएनए परीक्षण किस प्रकार सहायक हो सकता है, आदि के संबंध में भी विस्तृत रूप से समझाया गया। इसके अतिरिक्त आर्थिक अपराध, कमजोर वर्ग, महिला उत्पीड़न, बाल अपराध, अनुसूचित जाति/जनजाति के विरुद्ध अपराध, विधि विज्ञान प्रयोगशाला से संबंधित जानकारी, साइबर क्राइम एवं कम्युनिटी पुलिसिंग तथा पुलिस विहेवियर से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम सुबह 09:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक चलेगा जिसमें- उत्तर प्रदेश पुलिस इतिहास एवं परिचय, दुर्घटना प्राकृतिक आपदा, अलग-अलग तरह के दुर्घटनाओं एवं अपराधों से संबंधित साक्ष्यों का संग्रह, उत्तर प्रदेश पुलिस रेगुलेशन के महत्वपूर्ण पैरा, दंड प्रक्रिया संहिता, संज्ञेय अपराध, हत्या/बलात्कार, दुर्घटना में मृत्यु के समय घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिसकर्मियों द्वारा किए जाने वाले कार्य, घटनास्थल से प्राप्त साक्ष्यों के संकलन की विधि, वैज्ञानिक साक्ष्य/जैविक साक्ष्य को संकलित करने की विधि, अभियुक्तों के गिरफ्तारी के दौरान पुलिसकर्मियों के कर्तव्य, पाक्सो एक्ट की प्रमुख धाराएं, पुलिसकर्मियों के कर्तव्य, बीट पुलिस अधिकारी के कर्तव्य, अनुशासन एवं दंड, शस्त्र प्रशिक्षण आदि के विषय में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक रितेश कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी सदर कुन्दन सिंह, क्षेत्राधिकारी यातायात उमेशचंद्र भट्ट, निरीक्षक यातायात, प्रतिसार निरीक्षक, पीआरओ/प्रभारी सोशल मीडिया सेल के साथ-साथ विभिन्न शाखाओं के प्रभारी एवं समस्त थानों से आए हुए महिला/पुरुष आरक्षी एवं अन्य पुलिसकर्मीगण उपस्थित रहे।
Topics: कुशीनगर पुलिस पड़रौना