Reported By: Surendra nath Dwivedi
Published on: Dec 12, 2022 | 3:54 PM
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कुशीनगर। ‘बिनय न मानत जलधि जड़ गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होइ न प्रीति।’ मतलब- इधर तीन दिन बीत गए, किंतु जल समुद्र विनय नहीं मानता। तब श्री राम चंद्र जी क्रोध में बोले- बिना भय के प्रीति नहीं होती! तुलसीदास की रामचरित मानस का ये श्लोक काफी चर्चित रहा है। जिले के कप्तान धवल जायसवाल के शासन में इस श्लोक का अनुसरण होता दिख रहा हैं। खासतौर पर अपराध और अपराधियों के खिलाफ उनकी कार्रवाई इसी का नजीर पेश करती है। आईपीएस धवल जायसवाल अपने एक्शन से सख्त पुलिस अधीक्षक की छवि बना चुके हैं। वह ‘धाकड़ धवल’ के नाम से चर्चित हो चुके हैं। अब तक एनकाउंटर के मामले में प्रदेश में हुए रैंकिंग में टॉप फाइव में कुशीनगर जिले ने स्थान हासिल किया है ताजा आंकड़े भी उनकी इस छवि में और मजबूती देते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इस सूची की अधिकारिक रूप से विभाग द्वारा कोई घोषणा नहीं की गयी है फिर इसकी जानकारी होने पर यहां के पुलिस कर्मी फूले नहीं समा रहे हैं।
दरअसल उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर का आंकड़ा आते ही सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बन जाता है। हो भी क्यों न? आखिर इस प्रदेश ने कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर सरकारें बदलती देखी हैं। सत्तारूढ़ दलों के लिए कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण हमेशा से ही बड़ी चुनौती रहा है। लेकिन पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल की अगुवाई में कुशीनगर जिले में अपराध नियंत्रण में सुधार होता दिख रहा है। 1 जनवरी से 1 दिसंबर के बीच बाईस मुठभेड़ों में यहां की पुलिस ने 29 शातिर अपराधियों को घायल कर उनके साथ तीन दर्जन से अधिक शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 25 से 50 हजार तक के इनामी अपराधी शातिर भी शामिल हैं। जिले में जबसे एसपी धवल जायसवाल को तैनाती हुई है. उनकी पहचान सख्त पुलिस अधीक्षक के रूप में हो गयी है. इनके नाम मात्रा से ही अपराधी खौफ खाते है और वो जिले को छोड़ के भागने पे मजबूर हो गए है। मुठभेड़ में जाे बदमाश पकड़े गए हैं, वे बेहद शातिर और अंतरराज्यीय व अंतरजनपदीय लुटेरे थे। पुलिस ने जिस प्रकार पिछले कुछ दिनों से मुठभेड़ में दर्जनों भर से अधिक बदमाशों को गिरफ्तार किया है, उससे अपराधों पर फिलहाल अंकुश लग गया है। लूट और छिनैती की घटनाओं का ग्राफ भी गिरा है। अपराधी जिला छोड़कर भाग निकले में ही अपने को सुरक्षित महसूस कर रहे है।
कुशीनगर जिले में कानून व्यवस्था और अपराध के इतिहास को देखते हुए ये आंकड़े उत्साहजनक कहे जा सकते हैं, उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। इन सुधारों के पीछे पुलिस कप्तान धवल जायसवाल के कुछ अहम निर्णयों को भी कारण माना जा सकता है। आईपीएस धवल जायसवाल ने कुशीनगर जिले की कमान 16 अप्रैल को संभाला था फिर जिले में कई वर्ष बाद एनकाउंटर का सिलसिला शुरू हुआ । पहले कभी-कभी पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ के मामले सामने आते थे आपको बता दे इस साल (2022) आईपीएस धवल जायसवाल के पद भर सँभालने के पहले मात्रा एक एनकाउंटर मार्च में पटहेरवा थाना क्षेत्र में हुआ था, जिसमें पुलिस ने एनकाउंटर में 25 हजार के इनामी पशु तस्कर जैनुद्दीन को मुठभेड़ में घायल कर पकड़ा था। इसके बाद से जिले में दर्ज किये गये 22 मुकदमों में वांछित 29 अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान उन्हें घायल कर गिरफ्तार किया है, जिसके चलते कुशीनगर जिले की पुलिस एनकाउंटर के मामले में पूरे प्रदेश में पांचवें पायदान पर है। ताजा मामलो की बात करे तो अभी हल में ही पुलिस टीम ने पटहेरवा थाना क्षेत्र में ही तमकुहीराज थाना क्षेत्र के कस्बा तमकुही से एटीएम लूट के आरोपी फिर नई वारदात के इरादे से आए सात बदमाशो मे से चार को एनकाउंटर में घायल कर दिया था जबकि तीन को दौड़कर गिरफ्तार किया था. सनद हो की इस घटना को एसपी धवल ने चुनौती मान कर तत्काल टीम बना कर सफल खुलासे के लिए खुद मैनिटिरिंग शुरू किया था। इसी प्रकार कुछ माह पूर्व में वाहन चेकिंग के दौरान एक पुलिसकर्मी को एक पिकअप ने ठोकर मर दी थी जिसमे पुलिसकर्मी की जान चली गयी थी जिसके बाद पुलिस कप्तान ने स्पेशल टीम बना कर आरोपी को कुछ दिन के अंदर ही पुलिस मुठभेड़ में घायल कर गिरफ्तार कर लिया था. इतना ही नहीं अपराधियों के विरुद्ध छेड़ा गया मुहिम धाकड़ धवल का कारवां यही नहीं रुका, तरयासुजान थाना क्षेत्र में हुए हत्या का मुख्य आरोपी बिहार का कुख्यात सुपारी किलर को भी धवल की तरयासुजान ने मुठभेड़ में दबोच कर सलाखों मे कर दिया।
इसी प्रकार कई और सनसनीखेज वारदातें हुई थीं। पुलिस कप्तान धवल जायसवाल ने अपराध से जुड़े सभी अपराधियों की अभियान चलाकर गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। पहली बार जिले ने देखा कि पुलिस के बेहतर चौकसी के कारण पशु तस्करी समेत अन्य पर भी कुछ हद तक कंट्रोल हुआ है। जिले के तमाम थानों से रोज अवैध तस्करी,शातिर अपराधियों के गिफ्तारी की खबरें आती रहती हैं। इसका असर ये हुआ कि पुलिस कप्तान धवल जायसवाल अब ‘धाकड़ धवल’ के नाम से चर्चित हो चुके हैं।
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