Reported By: सुनील नीलम
Published on: Nov 15, 2024 | 5:21 PM
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तुर्कपट्टी। सौ वर्षों में कभी एक बार क्षेत्र का कायाकल्प करने वाली शक्ति का प्रादुर्भाव होता है। स्व. बाबू गेंदा सिंह ऐसी ही शक्ति का नाम था। उन्होने गरीबी व गंडक के अभिशाप को दूर करने के बारे सोचा तो क्षेत्र गन्ना बाहुल्य हो गया। उनकी दूरदृष्टि ने किसानों को संपन्न बनाया। वह किसानों के सच्चे हितैषी थे। यह बातें शुक्रवार को दुदही विकास खंड के ग्राम पंचायत दुमही के पंचायत भवन परिसर में स्व. बाबू गेंदा सिंह की 47 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते पूर्व प्रधान रामबिहारी राय ने कही।
कहा कि सादगी, शुचिता व विकास के पर्याय रहे स्व. बाबू गेंदा सिंह ने राजनीतिक तपस्या के बूते पिछड़े क्षेत्र में विकास की गंगा को उतारा। प्रदेश के प्रथम विधानसभा सभा चुनाव में कांग्रेस के विरुद्ध देवरिया जनपद में अपने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से 11 विधायक जीताकर न सिर्फ नेता प्रतिपक्ष बने अपितु सच्चे समाजवादी होने की मिशाल पेश की। कृतित्व के आधार पर गेंदा बाबू को भागीरथ की संज्ञा दिए जाने में अतिश्योक्ति नहीं होगी। भाजपा नेता जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि गन्ना बाबू के नाम से लोकप्रिय गेंदा बाबू किसानों के भविष्यद्रष्टा थे। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रदेश के प्रथम नेता प्रतिपक्ष, चार बार विधायक, एक बार सांसद व प्रदेश सरकार में दो बार मंत्री रहे गेंदा बाबू की लोकप्रियता जन जन में विख्यात है।
अध्यक्षता कर रहे जयप्रकाश पांडेय ने कहा कि छितौनी पुल, एपी बांध, गन्ना प्रजनन अनुसंधान केन्द्र, लक्ष्मीपुर फार्म, बकरी फार्म, 12 किमी लंबा टीबी मार्ग, गंडक नहर प्रणाली, मसाला फार्म, आलू फार्म, रेशम फार्म, कृषि विज्ञान केन्द्र उनकी ही देन हैं। सभा को संबोधित करते हुए जिपंस मुकेश गुप्ता, पं. संतोष तिवारी, भरत कुशवाहा, मनोज तिवारी आदि ने बाबू गेंदा सिंह के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके पदचिन्हों को अनुसरणीय बताया। इसके पूर्व स्व. सिंह के चित्र पर पुष्पार्चन कर श्रद्धांजलि दी गई। संचालन रमाकांत पांडेय ने किया। आयोजक अभय कुमार सिंह ने आभार व्यक्त किया।
इस दौरान दुर्गेश खरवार, उपेंद्र कुमार, उमेश शर्मा, राजन तिवारी, राजकुमार खरवार, राजकुमार गुप्ता, अमित कुमार सिंह, विनोद शर्मा, नीरज आर्य, सुरेंद्र गुप्ता, छोटेलाल कुशवाहा, हरख यादव, विशुन कुशवाहा, पवन तिवारी, वशिष्ठ रावत, सुकई मद्देशिया आदि ग्रामीण मौजूद रहे।
Topics: दुदही