Reported By: सुनील नीलम
Published on: Mar 24, 2023 | 3:19 PM
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कुशीनगर। भगवान शिव पार्वती को जब अमरकथा सुना रहे थे तो पार्वती जी सुनते सुनते निद्रा में चली गई और उनकी जगह शुक (तोते) ने हुंकारी भरना शुरु कर दिया। जब भगवान शिव को यह बात ज्ञात हुई तो वह शुक को मारने के लिए उसकी पीछे दौड़े तो शुक भागकर व्यासजी के आश्रम में जा पहुंचा और फिर उनकी पत्नी के मुख में घुस गया। शिवजी पुन: लौट गए। यही शुक बाद में व्यासजी का अयोनिज पुत्र बना। यह बातें कथावाचक तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत बरवाराजापाकड के बहुरिया टोला स्थित कठबसिया देवी स्थान पर बुधवार से आयोजित 15 वेंं कठबसिया महोत्सव के दूसरे दिन गुरुवार की रात्रि कथावाचक स्वामी विभूति नारायण महराज ने श्रद्धालुओं को अमर कथा प्रसंग सुनाते हुए कही।
उन्होंने कहा कि शुकदेव बारह वर्ष तक माता के गर्भ से बाहर ही नहीं निकले। भगवान श्रीकृष्ण के कहने से ये गर्भ से बाहर आए। शुकदेव ने परीक्षित को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करा जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्त कराया। इस दौरान महंत नारायण दास, हरिकेश दास, विभूति ठाकुर आदि मौजूद रहे।
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