Reported By: Surendra nath Dwivedi
Published on: Oct 16, 2025 | 3:31 PM
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कुशीनगर । जनपद कुशीनगर एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आने को तैयार है। थाना सेवरही क्षेत्र के जीरो बंधा के पास ग्राम जंगली पट्टी (रकबा जंगल पट्टी सेवरही) स्थित नरायनी नदी के तट पर आगामी 27, 28 और 29 अक्टूबर 2025 को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के ‘IN-SPACe CANSAT और मॉडल रॉकेट्री इंडिया स्टूडेंट कॉम्पिटिशन 2024-25’ की तैयारियों का जायजा लेने आज दिनांक 16 अक्टूबर 2025 को उच्चस्तरीय निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान देवरिया के सांसद शशांक मणि त्रिपाठी, जिलाधिकारी कुशीनगर महेन्द्र सिंह तंवर, पुलिस अधीक्षक केशव कुमार, मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती गुंजन द्विवेदी तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की टीम के सदस्य उपस्थित रहे।
यह ऐतिहासिक प्रतियोगिता भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) तथा एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की जा रही है। प्रतियोगिता का उद्देश्य देशभर के स्नातक छात्रों को मॉडल रॉकेट्री एवं CANSAT (कैन-सैटेलाइट) प्रणालियों के डिजाइन, निर्माण और प्रक्षेपण (लॉन्चिंग) में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है।
कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रांतों से आने वाले 700 से 800 से अधिक छात्र भाग लेंगे, जो अपने हाथों से निर्मित 100 से अधिक मॉडल रॉकेट्स और पेलोड्स का प्रक्षेपण करेंगे। यह आयोजन भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में युवाओं को नवाचार और अनुसंधान के प्रति प्रोत्साहित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों एवं इसरो टीम द्वारा स्थल की उपयुक्तता, सुरक्षा मानकों, संचार प्रणालियों, रॉकेट रिकवरी व्यवस्थाओं और पर्यावरणीय प्रभावों का गहन मूल्यांकन किया गया। जिलाधिकारी ने आवश्यक तैयारियों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिए, वहीं पुलिस अधीक्षक ने सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था को लेकर संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश प्रदान किए।
इस मौके पर उपस्थित सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा कि –
“कुशीनगर की धरती पर अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी यह राष्ट्रीय प्रतियोगिता न सिर्फ युवाओं को प्रेरित करेगी, बल्कि यह क्षेत्र विकास और नवाचार की दिशा में एक नई पहचान बनाएगा।”
कुशीनगर में होने जा रही यह प्रतियोगिता न केवल जनपद बल्कि पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का क्षण होगी, जहां से देश के भविष्य के अंतरिक्ष वैज्ञानिक अपने सपनों को उड़ान देंगे।